सिनेमा हॉल में ले जा सकते हैं पानी और स्नैक्स, आरटीआई में मिला जवाब
आरटीआई के जवाब में हैदराबाद पुलिस के कमिश्नर ने बताया कि ‘सिनेमा रेग्यूलेशन एक्ट 1955’ के अंतर्गत सिनेमा हॉल दर्शकों को स्नैक या पानी की बोतलों अंदर ले जाने से नहीं रोक सकते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। सिनेमा हॉल, दर्शकों या ग्राहकों को स्नैक बॉक्स या पानी की बोतलों अंदर ले जाने देने पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता है। अगर कोई सिनेमा हॉल या मल्टीप्लेक्स ऐसा करता है तो उसके खिलाफ मेट्रोलॉजी विभाग में शिकायत दर्ज की जा सकती है। यह खुलासा तेलंगाना की एक आरटीआई में हुआ है।
तेलंगाना पुलिस का जवाब
आरटीआई के जवाब में हैदराबाद पुलिस के कमिश्नर, अंजनी कुमार ने बताया कि ‘सिनेमा रेग्यूलेशन एक्ट 1955’ के अंतर्गत सिनेमा हॉल, दर्शकों या ग्राहकों को स्नैक बॉक्स या पानी की बोतलों अंदर ले जाने देने पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता है। इसके अलावा भी इस आरटीआई में कुछ चीज़ों के जवाब मिलें हैं। जैसे- 3D चश्मे के लिए सिनेमा हॉल अलग से चार्ज नहीं कर सकता है। वहीं आप जो खाना पानी अंदर से खरीदते हैं उसका बिल जरुर मिलना चाहिए।
महाराष्ट्र में भी ऐसा ही नियम
महाराष्ट्र में भी बाहर का खाना-पानी सिनेमा हॉल में ले जाने का नियम है। बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश आरएम बोर्डे और न्यायाधीश राजेश खेतकर ने यह निर्देश जैनेंद्र बख्शी की जनहित याचिका पर दिया था। याचिका में कहा गया था कि थिअटरों में बाहर का खाना और पानी अंदर ले जाने पर कोई सांवैधनिक या कानूनी रोक नहीं है।
अपने राज्य का नियम पता करें
यह तो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का नियम है, जिसके अंतरगत सिनेमा हॉल में पानी और खाना ले जाने की छूट है। आप भी अपने राज्य का नियम आरटीआई दाखिल कर जान सकते हैं। आपके राज्य में भी ऐसा कोई नियम जरूर होगा।
कौन हैं आरटीआई एक्टिविस्ट
विजय गोपाल हैदराबाद एक्टिविस्ट हैं। इन्होंने ही एक आरटीआई दायर कर यह खुलासा किया है। दो साल पहले भी सिनेमा हॉल की एक गड़बड़ी विजय की सजगता के चलते सामने आई थी। विजय ने एक मल्टीप्लेक्स में देखा कि वहां पानी की बोतल के लिए ज़्यादा चार्ज किया जा रहा है तो वह कंज्यूमर फोरम गए। इस केस में विजय को जीत मिली और मल्टीप्लेक्स को 6000 रुपये विजय को जुर्माने के तौर पर देने पड़े।