Move to Jagran APP

कला जितनी बिखरती है, उतनी ही निखरती है: राजपाल यादव

‘हंगामा 2’ और ‘भूलभुलैया 2’ जैसी फिल्मों में सपोर्टिंग रोल करने के अलावा राजपाल आगामी फिल्मों ‘फादर आन सेल’ और ‘द क्रेजी किंग’ में मुख्य भूमिका में भी हैं। इस संबंध में वे कहते हैं ‘मेरी तो शुरुआत ही मिले-जुले किरदारों के साथ हुई थी।

By Rupesh KumarEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 04:36 PM (IST)
कला जितनी बिखरती है, उतनी ही निखरती है: राजपाल यादव
‘हंगामा 2’ में अभिनेता राजपाल यादव कॉमेडी करते नजर आए।

दीपेश पांडेय, मुंबईl हालिया रिलीज ‘हंगामा 2’ में अभिनेता राजपाल यादव अपने चिर-परिचित अंदाज में कॉमेडी करते दिखे। यह साल 2003 में रिलीज हुई ‘हंगामा’ की सीक्वल है। मूल फिल्म का भी हिस्सा रहे राजपाल ने साझा किए अपने जज्बात.. ‘हंगामा’ सीरीज को लेकर राजपाल कहते हैं, ‘इन दोनों फिल्मों में निर्देशक प्रियन (प्रियदर्शन) जी का हंगामा है। वह कामेडी आफ एरर (परिस्थितिवश होने वाली घटनाओं से हास्य पैदा होना) के मास्टर माने जाते हैं। उन्होंने जितनी भी क्षेत्रीय या हिंदी फिल्में बनाई हैं, उन सभी में उन्होंने विभिन्न परिस्थितियों के मुताबिक रियलिस्टिक अंदाज में हास्य जोड़ा है। मूल फिल्म ‘हंगामा’ की कहानी और किरदार दर्शकों को खूब पसंद आए थे। ‘हंगामा 2’ बिल्कुल अलग और नई कहानी है, इसमें कुछ पुराने कलाकार हैं और कुछ नए। इस तरह पूरी फिल्म नए और पुराने कलाकारों का जमावड़ा है।’

prime article banner

पहले ही दिन फाड़े कपड़े

मूल फिल्म ‘हंगामा’ से जुड़ी यादें साझा करते हुए राजपाल बताते हैं, ‘मेरी जिंदगी में ‘हंगामा’ से थ्री डाइमेंशनल हंगामा हुआ था, यह फिल्म मुझे आजीवन याद रहेगी। प्रियन जी से मेरी पहली मुलाकात एक विज्ञापन की शूटिंग के दौरान हुई थी। उसमें मैंने अमिताभ बच्चन साहब के साथ काम किया था। उसके बाद प्रियन जी ने मुझे ‘हंगामा’ के लिए बुलाया। शूटिंग के लिए जब मैं चेन्नई स्थित सेट पर पहुंचा तो पता चला कि क्लाइमेक्स सीन शूट हो रहा है। प्रियन जी ने सबसे पहले मेरी शर्ट फाड़ दी। उसके बाद क्लाइमेक्स सीन की शूटिंग हुई। फिल्म तैयार होने के बाद जब हमने वह सीन देखा तो पता चला कि उस सीन में कपड़े फाड़ने की क्या अहमियत थी। उसी दिन के बाद से हम दोनों की गजब की केमिस्ट्री बैठ गई और हमने एक साथ कई फिल्मों में काम किया।’

अन्य शहरों में हों फिल्मसिटी

अभिनय के साथ-साथ राजपाल काफी समय से पीलीभीत सहित उत्तर प्रदेश के शहरों में फिल्मसिटी की मांग करते आए हैं। उनका कहना है, ‘मैं इसे क्रिकेट के उदाहरण से बता सकता हूं। पहले क्रिकेट चार-पांच शहरों का खेल था। धीरे-धीरे यह छोटे-छोटे शहरों में पहुंचा और अब आईपीएल से यह हर घर में पहुंच चुका है। इसी तरह कला भी जितनी बिखरती है, उतनी निखरती है। अपने देश में करीब 14 भाषाओं में प्रापर (सुव्यवस्थित) सिनेमा बनता है। मेरी कोशिश यह है कि अंग्रेजी और हिंदी के साथ क्षेत्रीय सिनेमा भी इतने बड़े स्तर पर बने कि लाखों लोगों को इससे रोजगार मिले। ओटीटी प्लेटफार्म से सिनेमा की पहुंच क्षेत्रीय स्तर पर भी काफी बढ़ी है। मुंबई फिल्मसिटी ही मेरी जिंदगी की पहली और आखिरी फिल्मसिटी रहेगी, क्योंकि उसी से मुझे पूरी दुनिया में पहचान मिली है। अगर देश के अन्य भागों में भी फिल्मसिटी का विकास हो तो सिनेमा के लिए और बेहतर होगा। मेरी बस यही कोशिश रहती है कि देश में ज्यादा से ज्यादा फिल्मसिटी खुलें। हैदराबाद स्थित रामोजी फिल्मसिटी इस बात की गवाह है कि जितनी ज्यादा फिल्मसिटी होंगी, उतने ज्यादा लोगों की रोजी-रोटी चलेगी।’

संतुलन बनाने की कोशिश

‘हंगामा 2’ और ‘भूलभुलैया 2’ जैसी फिल्मों में सपोर्टिंग रोल करने के अलावा राजपाल आगामी फिल्मों ‘फादर आन सेल’ और ‘द क्रेजी किंग’ में मुख्य भूमिका में भी हैं। इस संबंध में वे कहते हैं, ‘मेरी तो शुरुआत ही मिले-जुले किरदारों के साथ हुई थी। पहले सपोर्टिंग और निगेटिव किरदारों से शुरुआत की, फिर ‘मैं, मेरी पत्नी और वो’, ‘रामा रामा क्या है ड्रामा’ जैसी एक-दो नहीं बल्कि करीब 15-16 फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई। उसके साथ कामेडी भी चलती रही, लेकिन ज्यादा कामर्शियल होने के कारण कामेडी फिल्में अधिक लोकप्रिय हो जाती हैं। हालांकि, मेरी कोशिश रहती है कि दोनों तरह के किरदार आईपीएल और टेस्ट मैच की तरह खेलता रहूं।’


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.