Move to Jagran APP

Zeenat Aman गाल पर टिशू पेपर लगाकर जब बन गयी थीं 'सत्यम शिवम सुंदरम' रूपा, दंग रह गये थे राज कपूर

साल 1978 में आई सत्यम शिवम सुंदरम आंतरिक और बाहरी सुंदरता के बीच फ़र्क का बेहद ख़ूबसूरत संदेश देती है। रूपा की मधुर आवाज़ सुनकर नायक को लगता है कि देखने में भी वो उतनी ही सुंदर होगी और अपनी कल्पना को हक़ीक़त मानकर वो उससे प्यार करने लगता है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 03:01 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 04:53 PM (IST)
Zeenat Aman गाल पर टिशू पेपर लगाकर जब बन गयी थीं 'सत्यम शिवम सुंदरम' रूपा, दंग रह गये थे राज कपूर
ज़ीनत अमान की नई और पुरानी तस्वीरें। फोटो- मिड-डे

नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा की सबसे ख़ूबसूरत और स्टाइलिश अदाकाराओं में से एक ज़ीनत अमान का फ़िल्मी करियर ग्लैमर और चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं का बेहतरीन संतुलन है। ज़ीनत ने अपनी फ़िल्मों और किरदारों के ज़रिए जहां हिंदी सिनेमा की हीरोइन के ग्लैमर को एक नई परिभाषा दी, वहीं कुछ बेहद चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं निभाकर अभिनय की नई ऊंचाइयों को छुआ।

loksabha election banner

सत्तर और अस्सी के दौर में ज़ीनत ने ख़ूबसूरती, स्टाइल और अदाकारी का ऐसा मानदंड स्थापित किया, जिसे बाद की कई एक्ट्रेसेज़ ने फॉलो किया। ज़ीनत ने अपने समय के सभी टॉप कलाकारों के साथ कई यादगार फ़िल्में दी हैं, मगर जिस फ़िल्म के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है वो है- राज कपूर की सत्यम शिवम सुंदरम। फ़िल्म में रूपा के किरदार के लिए उन्हें लिये जाने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है।

साल 1978 में आई सत्यम शिवम सुंदरम आंतरिक और बाहरी सुंदरता के बीच फ़र्क का बेहद ख़ूबसूरत संदेश देती है। रूपा की मधुर आवाज़ सुनकर नायक को लगता है कि देखने में भी वो उतनी ही सुंदर होगी और अपनी कल्पना को हक़ीक़त मानकर वो उससे प्यार करने लगता है, मगर नायक को तब बड़ा झटका लगता है, जह वह रूपा का रूप देखता है। रूपा का चेहरा दाग़दार था। इस किरादर के ऑफ़र होने की कहानी ज़ीनत ने खु़द टीवी शो 'माई लाइफ़ माई स्टोरी' के दौरान बताई थी।

गाल पर टिशू पेपर लगा ज़ीनत बनीं रूपा

ज़ीनत और राजकपूर एक साथ 'वकील बाबू' की शूटिंग कर रहे थे। इस दौरान राजकपूर ने रूपा के किरदार के बारे में ज़ीनत को बताया। रूपा किरदार को लेकर राजकपूर काफी उत्साहित थे। ऐसे में ज़ीनत को भी लगने लगा कि उन्हें यह फ़िल्म करना ही है। शूटिंग ख़त्म होने के बाद ज़ीनत ने रूपा बनने की ठानी। उन्होंने घाघरा-चोली पहना और जले हुए निशान दिखाने के लिए एक गाल पर टिशू पेपर लगा लिया।

इस गेटअप में वह राजकपूर से मिलने उनके ऑफ़िस पहुंच गईं। उस दौरान की सबसे फेमस हस्तियों में से एक ज़ीनत को लोग पहचान नहीं पाए। उन्हें दरवाजे पर ही रोक लिया गया। जब उनसे उनका परिचय पूछा गया, तब उन्होंने कहा-''राज साहब से कहना रूपा आई है।’’ ज़ीनत को देखकर राजकपूर दंग रह गए और उन्होंने 'सत्यम शिवम सुंदरम' के लिए उन्हें साइन कर लिया। लेकिन इसके लिए ज़ीनत को चेक नहीं दिया, बल्कि ख़ुश होकर सोने के सिक्के दिए। ख़ास बात यह है कि इस फ़िल्म के आने तक ज़ीनत हिंदी सिनेमा में ग्लैमरस हीरोइन के रूप में स्थापित हो चुकी थीं, मगर ज़ीनत ने रिस्क लिया और कामयाब रहीं।

दम मारो दम से बनीं ओवरनाइट सेंसेशन

ज़ीनत अमान का जन्म 19 नवम्बर 1951 को हुआ था। उनके पिता अमानुल्लाह एक जाने-माने स्क्रिप्ट राइटर थे, जिन्होंने मुग़ले-आज़म और पाक़ीज़ा जैसी फ़िल्में लिखी थीं। ज़ीनत ने 1970 में फेमिना मिस इंडिया एशिया पेसिफिक जीतने के बाद मिस एशिया पेसिफिक का ताज पहना था। फ़िल्मी दुनिया में उनकी शुरुआत इंडो-फिलिपीनो फ़िल्म द ईविल विदिन से हुई थी, जिसे लैम्बर्टो वी एवेलाना ने निर्देशित किया था। इस फ़िल्म में देव आनंद, प्रेम नाथ और एमबी शेट्टी जैसे भारतीय कलाकार विभिन्न भूमिकाओं में थे। 

हिंदी सिनेमा में उनका बड़ा ब्रेक 1971 की फ़िल्म हरे रामा हरे कृष्णा थी, जिसका लेखन, निर्माण और निर्देशन देव आनंद ने ही किया था। फ़िल्म में लीड रोल में भी वही थे। इस फ़िल्म में ज़ीनत ने देव की बहन का किरदार निभाया था। हिप्पी कल्चर ने इस फ़िल्म के ज़रिए हिंदी सिनेमा में दमदार दस्तक दी थी और ज़ीनत अमान पर फ़िल्माया गाना दम मारो दम एक एंथम बन गया था। बहन का किरदार निभाने के बावजूद ज़ीनत ओवरनाइट सेंसेशन बन गयीं। इसके बाद ज़ीनत ने कई फ़िल्मों में देव आनंद की प्रेमिका की भूमिका भी निभायी थी।

ज़ीनत ने बाद में अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, मनोज कुमार, राजेश खन्ना, शशि कपूर, फ़िरोज़ ख़ान, संजय ख़ान जैसे कलाकारों के साथ हिट फ़िल्में दीं। ज़ीनत अपने दौर की टॉप हीरोइनों में शुमार थीं और सबसे अधिक फीस लेने वाली हीरोइंस में उनकी गिनती होती थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.