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Happy Birthday Geeta Dutt : जानिए बॉलीवुड की सबसे दुखद लव स्टोरी क्यों है गुरुदत्त और गीता दत्त की प्रेम कहानी

Happy Birthday Geeta Dutt अभिनेत्री और गायिका गीता दत्त का जन्म 23 नवंबर 1930 को बंगाल के एक जमींदार परिवार में हुआ था। उनका असली नाम था गीता घोष चौधरी। गीता के 10 भाई बहन थे।

By Vineet SharanEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 09:11 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 01:39 PM (IST)
Happy Birthday Geeta Dutt : जानिए बॉलीवुड की सबसे दुखद लव स्टोरी क्यों है गुरुदत्त और गीता दत्त की प्रेम कहानी
Happy Birthday Geeta Dutt : जानिए बॉलीवुड की सबसे दुखद लव स्टोरी क्यों है गुरुदत्त और गीता दत्त की प्रेम कहानी

नई दिल्ली, जेएनएन। Happy Birthday Geeta Dutt : अभिनेत्री और गायिका गीता दत्त का जन्म 23 नवंबर 1930 को बंगाल के एक जमींदार परिवार में हुआ था। उनका असली नाम था, गीता घोष चौधरी। गीता के 10 भाई बहन थे। 1942 में गीता का परिवार मुंबई चला गया। 

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1951 में गुरु दत्त बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म बाजी बना रहे थे। उस फिल्म में एक गाना गीता दत्त ने गाया। तब गीता दत्त एक बड़ी सिंगिंग स्टार थीं और उन्होंने 500 से ज्यादा गाने गाए थे। इस बीच गीता दत्त और गुरुदत्त के बीच नजदीकियां बढ़ीं।  तीन साल रिलेशनशिप में रहने के बाद दोनों ने 1953 में शादी कर ली। दोनों के तीन बच्चे हुए, तरुण, नीना और अरुण। 

प्यार पर भारी पड़ने लगा ईगो

शादी के कुछ सालों बाद ही दोनों के रिश्ते बिगड़ने लगे क्योंकि उनका ईगो टकराने लगा। कहते हैं कि शादी के बाद गुरुदत्त ने गीता को फिल्मों में गाने से रोक दिया था। यह भी टकराव की वजह बनी। यह शादी केवल 11 साल ही चली। दोनों के बीच झगड़े होने लगे और गीता बार-बार मायके जाने लगीं। गुरु दत्त डिप्रेशन में चले गए। इसी बीच गुरदत्त और वहीदा रहमान के अफेयर की खबरें आने लगीं। गीता और गुरुदत्त के झगड़ें और बढ़ गए।

दोनों को लगी शराब की लग और गई जान

गुरुदत्त ने रिश्ते सुधारने की एक और कोशिश की। उन्होंने गीता के लिए एक फिल्म शुरु की, लेकिन झगड़े इतने बढ़ गए कि दो दिन बाद ही फिल्म की शूटिंग रोकनी पड़ी। दोनों फिल्म के सेट पर ही लड़ा करते थे। 1964 में गुरु दत्त किराए के फ्लैट में मृत पाए गए। कहते हैं कि उन्होंने नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली थी। गुरु दत्त  की मौत के बाद गीता ने बहुत शराब पीनी शुरू कर दी। आर्थिक स्थिति भी बिगड़ गई। 1972 में लिवर की बीमारी के चलते गीता दत्त की भी मौत हो गई। मौत के वक्त वह महज 42 साल की थीं।

गीता दत्त के बेहतरीन गीत

मत जा मत जा जोगी (जोगन-1950), तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर (बाजी-1951), ले लो मैं हारी पिया (आरपार-1954), मेरा सुंदर सपना बीत गया (दो भाई-1947), ना ये चांद होगा (शर्त-1954), ख्यालों में किसके (बावरे नैन-1950), आज सनम मोहे अंग लगा लो (प्यासा, 1957) गीता के गाए कुछ बेहतरीन गीत हैं।


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