कहानी को कहने की आजादी ज्यादा जरूरी, पैसा तो बाद में आता है
हंसल मेहता की फिल्म ओमर्टा सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है।
मुंबई। लीग से हटकर फिल्में बनाने के लिए मशहूर डायरेक्टर हंसल मेहता का मानना है कि कहानी कहने की आजादी ज्यादा महत्वपूर्ण है। क्योंकि पैसा तो कहानी को अच्छे तरीके से और अाजादी से कहने के बाद ही आता है। हंसल मेहता की फिल्मों में अच्छा कंटेंट होता है और उनकी फिल्म ओमर्टा हालही में रिलीज हुई है।
इंटरव्यू के दौरान हंसल मेहता ने कहा मैं खुशनसीब हूं कि प्रोड्यूसर्स ने मेरे प्रोजेक्ट्स को लेकर भरोसा जताया है। लेकिन मुझे ज्यादा पैसा नहीं मिल पाता है। हां, मैं मैनेज करने लायक कमा लेता हूं जिससे मेरी लाइफ चल सके। ज्यादा कम और बहुत ज्यादा क्या होता है? इसकी कोई लिमिट नहीं है। मैं खुश हूं कि जो भी मैंने बनाया है लेकिन थोड़ा और बनाना है। यह धीरे-धीरे हो जाएगा। आगे हंसल मेहता ने कहा कि, किसी की भी मार्केट वेल्यू को वेरायटी अॉफ फैक्टर्स से पता लगाया जा सकता है। हंसल कहते हैं कि, मेरी कहानियां इतनी ग्राउंडेड इसलिए होती हैं क्योंकि वो रोज होने वाले एक्सपीरियंस से इजात की जाती हैं। मैं मेरे पर्सनल एक्सपीरियंस से कनेक्ट करता हूं। जो दुनिया मैं देखता हूं वो वही है जिसमें मैं रहता हूं। मैं खुश हूं कि मैं साधारण व्यक्ति हूं और एक्सट्राअॉर्डिनरी लाइफ जीने के लिए मैनेज कर रहा हूं और स्टोरी कह रहा हूं।
यह भी पढ़ें: चीन के Box Office पर आज से बाहुबली का धावा, रिलीज़ से पहले ही एक रिकॉर्ड
आपको बता दें कि, हंसल मेहता ने टीवी कुकरी शो खाना खजाना से शुरुआत की थी। वे शाहिद, सिटीलाइट्स, अलीगढ़ और सिमरन जैसी फिल्में बना चुके हैं।
यह भी पढ़ें: सोनम दी वेडिंग: जाह्नवी और रणवीर मचाएंगे संगीत में धमाल, ऐसी है तैयारी
फिल्म ओमार्टा की बात करें तो इसमें राजकुमार राव अहम भूमिका में हैं। फिल्म ओमार्टा में राजकुमार राव आतंकवादी अहमद ओमर सईद शेख की भूमिका निभा रहे हैं जो कि मुंबई में हुए 26 /11 आतंकवादी हमले, अमेरिका में हुए 9/11 आतंकवादी हमले और पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या में भी शामिल रहा है। इन दिनों वह कराची कि जेल में बंद है और उसने जेल में आत्महत्या का भी प्रयत्न किया था।