500 रुपए में पति ने बेचा, डॉन को बांधी राखी, जाने का कौन है 'गंगूबाई काठियावाड़ी'
गंगूबाई काठियावाड़ी फिल्म का पहला मोशन पोस्टर मंगलवार को रिलीज किया गया। वहीं आज यानी बुधवार को गंगूबाई काठियावाड़ी से आलिया के लुक की पहली तस्वीर सामने आई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड में संजय लीला भंसाली हमेशा से ही अपने फिल्म के सब्जेक्ट को लेकर चर्चा में रहते हैं। उनकी फिल्मों में हमेशा ही दर्शकों को भव्य सेट और खूबसूरत कहानी देखने को मिलती है। इस बार संजय लीला भंसाली एक और नई कहानी 'गंगूबाई काठियावाड़ी' लेकर आ रहे हैं। इस फिल्म में गंगूबाई की भूमिका में एक्ट्रेस आलिया भट्ट नजर आने वाली हैं। 'गंगूबाई काठियावाड़ी' फिल्म का पहला मोशन पोस्टर मंगलवार को रिलीज किया गया। वहीं आज यानी बुधवार को 'गंगूबाई काठियावाड़ी' से आलिया के लुक की पहली तस्वीर सामने आई है। क्या आप जानते हैं कि ये 'गंगूबाई काठियावाड़ी' आखिर कौन है जिसपर भंसाली फिल्म बना रहे हैं। अगर आप नहीं जानते तो चहिए हम आपको उनके बारे में बताने जा रहे हैं।
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चंद पैसे के लिए बेच दिया था पति ने
लेखक एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' के मुताबिक गंगूबाई कठियावाड़ी गुजरात की रहने वाली थीं और उनका असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था। हर किसी की तरह ही गंगूबाई भी बचपन में सपने देखती थीं। वह बड़े होकर एक कामयाब अभिनेत्री बनना चाहती थीं। इसी बीच गंगूबाई की मुलाकात उनके पिता के अकाउंटटेंट से हुई और उन्हें प्यार हो गया। उस वक्त उनकी उम्र महज 16 साल थी। प्यार में पागल गंगूबाई ने उससे शादी कर ली और भागकर मुंबई आ गईं। लेकिन यहां उनके साथ जो होने वाला था उसके बारे में गंगूबाई ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। गंगूबाई ने जिस शख्स के प्यार के लिए अपना घर परिवार छोड़ा उसी ने उन्होंने धोखा दिया। गंगूबाई के पति ने उन्हें धोखा देकर महज पांच सौ रुपये में कोठे पर बेच दिया।
माफिया डॉन करीम लाला को बांधी राखी
लेखक एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' के मुताबिक गंगूबाई को छोटी उम्र में ही वेश्यावृति के लिए मजबूर किया गया। इसी जगह पर बाद में गंगूबाई के संपर्क में कुख्यात अपराधी आए और उनके ग्राहक बने। गंगूबाई मुंबई के कमाठीपुरा इलाके में कोठा चलाती थीं। 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' की किताब में माफिया डॉन करीम लाला का भी जिक्र किया गया है। किताब के मुताबिक करीम लाला की गैंग के एक सदस्य ने गंगूबाई के साथ बलात्कार किया था। खुद के साथ हुए बलात्कार का इंसाफ पाने के लिए गंगूबाई करीमी लाला के पास गईं और उनसे इंसाफ की गुहार लगाई। इसी दौरान उन्होंने करीम लाला को राखी बांधकर उन्हें अपना भाई बना लिया। वहीं करीम लाला ने अपनी राखी बहन यानी गंगूबाई को जल्दी ही कमाठीपुरा की कमान थमा दिया। बता दें कि गंगूबाई किसी भी लड़की को उसकी बिना मर्जी के कोठे में नहीं रखती थीं। साथ ही उन्होंने सेक्सवर्कस और अनाथ बच्चों के लिए बहुत काम किया था। वहीं मुंबई के वेश्या बाजार को हटाने के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन का नेतृ्त्व गंगूबाई ने किया। आज भी गंगूबाई की प्रतिमा मुंबई के कामठीपुरा में लगी है।