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तस्वीरें: ये है जे पी दत्त की पलटन, आ रही है उड़ाने दुश्मनों की गर्दन

ये कहानी भारतीय सेना के उन गौरव भरे किस्सों की है और इसीलिए पलटन को इंडो-चीन वार के वीरों की गाथा का नाम दिया गया था ।

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 04:05 PM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 01:57 PM (IST)
तस्वीरें: ये है जे पी दत्त की पलटन, आ रही है उड़ाने दुश्मनों की गर्दन
तस्वीरें: ये है जे पी दत्त की पलटन, आ रही है उड़ाने दुश्मनों की गर्दन

मुंबई। युद्ध के इतिहास और भारतीय सेना के अदम्य शौर्य को बड़े परदे पर बार बार उतारने वाले जे पी दत्ता अब पलटन लेकर आ रहे हैं। भारत चीन युद्ध पर बनी इस फिल्म से पहली बार सितारों के किरदारों को उनकी तस्वीरों के साथ रिलीज़ किया गया हैं।

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फिल्म में सोनू सूद मेजर बिशन सिंह के किरदार में होंगे। उनके साथ ही जैकी श्रॉफ, अर्जुन रामपाल, लव सिन्हा, सिद्धांत कपूर, गुरुमीत चौधरी और हर्षवर्धन राणे की भी तस्वीरें रिवील की गई हैं। बॉर्डर और एल ओ सी कारगिल जैसी फिल्में बनाने वाले जे पी दत्ता ने हाल ही में अपनी फिल्म की रिलीज़ डेट घोषित की।

फिल्म इस साल सात सितंबर को रिलीज़ होगी। पर इस डेट का ख़ास महत्व है। ये सामरिक इतिहास की एक कहानी है।

ये तो सभी जानते हैं कि भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध हुआ था। इसके ठीक पांच साल बाद चीन की सेना ने एक बार फिर भारतीय सीमा में हमला किया था।

चीन ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि भारतीय सेना उस समय नाथू ला से सेबू ला तक फेंसिंग कर रही थी और चीन की सेना ये नहीं चाहती थी। साथ ही चीन की सेना पर 62 की जंग जीतने का घमंड था और उसी जीत का दंभ भरते हुए चीनी सेना ने आक्रमण कर दिया।

अचानक हुए इस हमले से भारतीय सेना स्तब्ध थी और इस कारण शुरू में कई सैनिक शहीद हो गए। लेकिन तुरंत भारतीय सेना ने अपने को संभाला और जवाबी कार्रवाई की। इंडियन आर्मी की इस कार्रवाई से चीन के हौसले पस्त हो गए और उन्होंने सीज़फायर का ऐलान कर दिया। भारतीय सेना की जीत हुई।

जे पी दत्ता इस घटना को भारतीय युद्ध इतिहास का अहम् हिस्सा मानते हैं और बताते हैं कि चीन ने 1962 में युद्ध शुरू किया था और भारत ने 1967 में उसका अंत किया। जानकारी के मुताबिक ये ऐतिहासिक घटना यानि युद्ध 11 सितम्बर 1967 को शुरू हुआ था और इसी कारण फिल्म पलटन के रिलीज़ डेट सात सितम्बर रखी गई है।

ये कहानी भारतीय सेना के उन गौरव भरे किस्सों की है और इसीलिए पलटन को इंडो-चीन वार के वीरों की गाथा का नाम दिया गया था ।

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