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Dharmendra नहीं चाहते थे इस इंडस्ट्री में काम करें ईशा देओले, एक्ट्रेस बोलीं– ‘वो पज़ेसिव और रूढ़िवादी थे’

एक्टिंग की दुनिया में हाथ आजमाने के बाद ईशाल देओल अब प्रोड्यूसर बन गई हैं। ईशा ने हाल ही में लोगों को इस बात की जानकारी दी है कि उन्होंने और उनके पति भरत तखतानी ने अपना प्रोडक्शन हाउस लॉन्च किया है जिसका नाम है ‘BEF यानी भरत एशा फ़िल्म्स’।

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 10:24 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 10:24 AM (IST)
Dharmendra नहीं चाहते थे इस इंडस्ट्री में काम करें ईशा देओले, एक्ट्रेस बोलीं– ‘वो पज़ेसिव और रूढ़िवादी थे’
Photo credit - Esha Deol Instagram Account

नई दिल्ली, जेएनएन। एक्टिंग की दुनिया में हाथ आजमाने के बाद ईशाल देओल अब प्रोड्यूसर बन गई हैं। ईशा ने हाल ही में लोगों को इस बात की जानकारी दी है कि उन्होंने और उनके पति भरत तखतानी के साथ अपना प्रोडक्शन हाउस लॉन्च किया है जिसका नाम है ‘BEF यानी भरत एशा फ़िल्म्स’। ‘बीएफएफ’ बैनर तले पहली फिल्म ‘एक दुआ’ भी ओटीटी प्लेटफॉर्म वूट सलेक्ट पर रिलीज़ हो गई है। अपने प्रोडक्शन हाउस और प्रोड्यूसर बनने को लेकर एक्ट्रेस काफी खुश हैं। हाल ही में उन्होंने इंडयिन एक्सप्रेस से बात करते हुए अपनी खुशी साझा की। वहीं उन दिनों को भी याद किया जब उनके पिता धर्मेंद्र नहीं चाहते थे कि वो इस इंडस्ट्री में कदम रखें और फिल्मों में काम करें।

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वेबसाइट से बात करते हुए ईशा ने बताया, ‘मुझे एक दुआ का ऑफर बतौर एक्ट्रेस मिल था, लेकिन जब इसकी स्क्रिप्ट पढ़ी तो मुझे अलग महसूस हुआ। कहानी ने मेरे दिल को छू लिया। मैं एक एक्ट्रेस के अलावा और भी कई तरीकों से इस फिल्म का हिस्सा बनना चाहती थी, और इस तरह बतौर प्रोड्यूसर ये मेरा पहला प्रोजेक्ट बना’। वैसे आपको बता दें कि ईशा आज भले ही प्रोड्यूसर बन गई हों, लेकिन एक वक्त था जब उनके पिता धर्मंद्र उन्हें एक्ट्रेस तक बनते नहीं देखना चाहते थे।

 

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कपिल शर्मा के शो में एक बार हेमा मालिनी ने इस बात का खुलासा किया था कि धर्मेंद्र नहीं चाहते थे कि ईशा अभिनेत्री बनें, जब्कि उनके दोनों बेटे सनी देओल और बॉबी देओल पहले से ही फिल्में काम कर रहे थे। इस बारे में बात करते हुए ईशा ने कहा, ‘मैं ये नहीं कहूंगी कि उन्होंने इसे मुश्किल बनाया, हां लेकिन हर किसी के लिए अलग तरह के चैलेंज होते हैं, लडक़ों के लिए भी। रही मेरे पिता की बात तो वो पज़ेसिव और रूढ़िवादी सोच वाले व्यक्ति थे। उनके हिसाब से लड़कियों को इस दुनिया (इंडस्ट्री) से दूर रहना चाहिए, हालांकि वो इसे सुरक्षा के तौर पर देखते थे। वो शायद यही महसूस करते थे, क्योंकि वो जानते थे कि हमारी इंडस्ट्री कैसे काम करती है। लेकिन हमने इसे अच्छे से मैनेज किया’। 


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