RK Studio में भारी मन से गणपति बप्पा की विदाई, आख़िरी विसर्जन में रणबीर कपूर हुए शामिल
गणपति पर्व मनाने की परम्परा बेटों रणधीर, ऋषि और राजीव ने जारी रखी। कई सालों से आरके स्टूडियो में गणपति का पर्व धूमधाम से मनाया जाता रहा है।
मुंबई। गणपति बप्पा मोरया की विदाई का लम्हा आ गया है। 10 दिनों तक भक्तों के दिलों और घरों में विराजने के बाद बप्पा को अनंत चतुर्दशी के मौके़ पर श्रद्धा भाव से विदा किया जा रहा है और अगले बरस लौटने के जोशीले जयकारे लगाए रहे हैं।
आरके स्टूडियो में भी बप्पा को विदा किया जा रहा है, मगर अगले बरस लौटने के जयकारों के जज़्बात अलग हैं। कपूर परिवार में बप्पा की विदाई तो होगी, मगर आरके स्टूडियो में वो नहीं लौटेंगे। गणपति बप्पा के विसर्जन में कपूर परिवार से रणधीर कपूर, राजीव कपूर और ऋषि कपूर के अलावा रणबीर कपूर भी शामिल हुए।
कपूर परिवार ने आरके स्टूडियो को बेचने का फ़ैसला कर लिया है, जिसका खुलासा पिछले महीने ही हुआ था। हालांकि इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं है। परिवार ने अंतिम बार स्टूडियो में गणपति की स्थापना की। इस मौक़े पर लिये गये वीडियो में रणधीर कपूर और राजीव कपूर को मंगलमूर्ति की पूजा करते हुए देखा जा सकता है।
आरके स्टूडियो ना सिर्फ़ क्लासिक फ़िल्मों के प्रोडक्शन, बल्कि त्यौहारों के सेलिब्रेशन के लिए भी जाना जाता रहा है। एक ज़माने में आरके स्टूडियो की होली मशहूर हुआ करती थी। गुलाल, अबीर के बादलों के बीच गीत-संगीत की महफ़िल सजा करती थी। ख़ुद राज कपूर हारमोनियम और ढोलक पर होली के गीतों की मस्ती से माहौल को सराबोर करते थे। सिनेमा की तमाम दिग्गज हस्तियां आरके स्टूडियो की होली में शामिल होती थीं। राज कपूर के जाने के बाद आरके स्टूडियो की होली भी बेरंग हो गयी। (विसर्जन यात्रा की नीचे दी गयी तस्वीर कुछ साल पहले की है)
गणपति पर्व मनाने की परम्परा बेटों रणधीर, ऋषि और राजीव ने जारी रखी। कई सालों से आरके स्टूडियो में गणपति का पर्व धूमधाम से मनाया जाता रहा है। पूरे भक्ति भाव से गणपति का स्वागत किया जाता है और फिर ढोल नगाड़ों के साथ उन्हें विदा किया जाता रहा है। इस बार शायद यह आख़िरी आयोजन हो।
कपूर परिवार ने प्रॉपर्टी के जानकारों की एक टीम को यह काम सौंप दिया है, जो मुंबई के चैम्बूर इलाक़े में 2 एकड़ में फैले स्टूडियो की क़ीमत का आंकलन करके रियल एस्टेड कारोबारियों, डेवलपर्स और कॉर्पोरट घरानों से संपर्क करके सौदा करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कपूर परिवार ने यह फ़ैसला पूरे सोच-विचार के साथ लिया है। राज कपूर के तीनों बेटे रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर के अलावा दोनों बेटियों रीमा जैन और रितु नंदा की स्वीकृति इसमें शामिल है।
बताते चलें कि पिछले साल सितम्बर के महीने में स्टूडियो में आग लग गयी थी, जिसमें भारी मात्रा में नुक़सान हुआ था। इसके बाद से स्टूडियो की हालत बदतर हो चली थी। हालांकि सूत्र बताते हैं कि कपूर परिवार ने स्टूडियो को नई तकनीक और सुविधाओं से सुसज्जित करके फिर से खड़ा करने पर भी विचार किया था, मगर व्यवहारिक रूप से ऐसा करना मुश्किल लगा। स्टूडियो का नवीनीकरण करने के बाद भी इससे उतनी आमदनी होने की उम्मीद नहीं थी, लिहाज़ा परिवार को यह मुश्किल निर्णय लेना पड़ा है। पिछले कुछ सालों से आरके स्टूडियो में फ़िल्मों की शूटिंग बेहद कम हो गयी थी। कुछ टीवी धारावाहिक और विज्ञापन फ़िल्मों की शूटिंग के दम पर ही स्टूडियो चल रहा था।
1948 में रखी गयी थी आरके स्टूडियो की बुनियाद
हिंदी सिनेमा के पहले शो-मैन राज कपूर ने 70 साल पहले 1948 में आरके फ़िल्म्स एंड स्टूडियो की नींव रखी थी। इस स्टूडियो के बैनर तले बनायी गयी पहली फ़िल्म आग फ्लॉप रही थी, मगर दूसरी फ़िल्म बरसात को बड़ी कामयाबी मिली थी। स्टूडियो का नाम राज कपूर के नाम पर रखा गया था। स्टूडियो का लोगो बरसात में राज कपूर और नर्गिस के पोज़ से प्रेरित है, जो बरसात के पोस्टर्स पर भी नज़र आया था। इस पोज़ में नर्गिस राज कपूर की बारों में झूल रही हैं। आर स्टूडियो ने कई कल्ट और क्लासिक फ़िल्मों का निर्माण किया है। आग, बरसात, आवारा, श्री 420, संगम, मेरा नाम जोकर, बॉबी और राम तेरी गंगा मैली फ़िल्में शामिल है।
...जब गिरवी रखना पड़ा था स्टूडियो
राज कपूर ने अपने करियर में कई बड़ी कामयाब फ़िल्में दी हैं, मगर एक वक़्त ऐसा भी आया, जब उन्हें आरके स्टूडियो गिरवी रखना पड़ा। दरअसल, मेरा नाम जोकर राज कपूर की महत्वाकांक्षी फ़िल्म थी, जिसे बनाने के लिए उन्हें उन्होंने बेहिसाब पैसा ख़र्च किया और इसके लिए आरके स्टूडियो गिरवी रखना पड़ा। रिलीज़ के बाद मेरा नाम जोकर बड़ी असफलता साबित हुई, जिससे राज कपूर को गहरा सदमा पहुंचा। बाद में ऋषि कपूर को लांच करने के लिए बनाई बॉबी की अपार सफलता से राज कपूर ने आरके स्टूडियो का कर्ज़ चुकाया था।