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परमाणु में मुझे एक्टिंग दिखाने का मौका मिला है – डायना पेंटी

डायना के मुताबिक वह आगे भी इस प्रकार के सिनेमा में काम करते रहना चाहती हैं ताकि उन्हें उनकी प्रतिभा दर्शाने का अवसर मिलेl

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 06:02 PM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 06:02 PM (IST)
परमाणु में मुझे एक्टिंग दिखाने का मौका मिला है – डायना पेंटी
परमाणु में मुझे एक्टिंग दिखाने का मौका मिला है – डायना पेंटी

रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबईl फिल्म अभिनेत्री डायना पैंटी ने जागरण.कॉम से हुई विशेष बातचीत में कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्हें फिल्म परमाणु – द स्टोरी ऑफ पोखरण में काम करने का अवसर मिला क्योंकि इस फिल्म से उन्हें अपनी एक्टिंग स्किल्स दिखाने का मौका मिला है l

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डायना ने कहा कि फिल्म परमाणु एक ऐसी कहानी है, जिसमें उन्हें ग्लैमरस न होकर एक सशक्त महिला की भूमिका निभानी थीl जिसके चलते उन्हें उनके अभिनय का स्तर और ऊँचा कर एक अच्छी भूमिका निभाकर उसमें जान डालने का मौका मिला l इस मौके पर उन्होंने यह भी माना कि इस फिल्म में उनके या जॉन अब्राहम नहीं फिल्म की कहानी ही मुख्य हीरो या हीरोइन हैl इसी कारण सभी का ध्यान फिल्म की कहानी को पर्दे पर उकेरने के लिए लगा हुआ थाl इस मौके पर डायना की सराहना करते हुए जॉन अब्राहम ने कहा कि वह बहुत ही खुश है कि डायना इतनी ख़ूबसूरत और ग्लैमरस होने के बाद भी इस तरह की भूमिका निभाने के लिए तैयार हुईं और इसके लिए वो उनका शुक्रिया अदा करते हैं l

डायना के मुताबिक वह आगे भी इस प्रकार के सिनेमा में काम करते रहना चाहती हैं ताकि उन्हें उनकी प्रतिभा दर्शाने का अवसर मिलेl गौरतलब है कि डायना पेंटी को फिल्म ‘कॉकटेल ’ में काफ़ी पहचाना मिली । इस फिल्म में सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण भी थीं l फिल्म परमाणु – द स्टोरी ऑफ पोखरण का निर्देशन अभिषेक वर्मा ने किया हैl इसके पहले वह तेरे बिन लादेन जैसी सफल फिल्म का निर्देशन कर चुके हैl

डायना का कहना है कि मेरे परिवार में लोग आर्मी से जुड़े रहे हैं। मेरे ग्रैंड फादर आर्मी में थे। वह गोरखा रेजमेंट में थे, जब उस वक्त वर्ल्ड वॉर चल रहा था। इस वजह से मैं उस तरह के माहौल में रही हूं। हम लोग कंटेनमेंट एरिया में रहते थे जहां देव्लानी नामक जगह है। दादाजी से जो पहली चीज डायना ने सीखी थी वह यही थी कि सैल्यूट कैसे करते हैं। दादाजी ने ही उन्हें सिखा रखा था कि आपके सामने कोई भी फौजी आये तो आप उन्हें सैल्यूट जरूर करें। दादाजी की ये बात देना आज भी मानती हैं।

यह भी पढ़ें: जॉन अब्राहम की फिल्म परमाणु भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम को समर्पित


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