Dada Saheb Phalke Award: जब राष्ट्रपति ने इस अवॉर्ड के लिए तोड़ा था प्रोटोकॉल, फिर अलविदा कह गए राज कपूर
Dada Saheb Phalke Award अमिताभ बच्चन दादा साहेब फाल्के से सम्मानित होने वाले 50वें फिल्मी स्टार होंगे। ऐसे में जानते हैं दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से जुड़े कई किस्से...
नई दिल्ली, जेएनएन। साल 2019 के दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की घोषणा हो गई है। इस बार बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। अमिताभ बच्चन 50वें ऐसे शख्स होंगे, जिन्हें भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह अवॉर्ड भारतीय सिनेमा में दिए गए अतुलनीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। ऐसे में जानते हैं दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से जुड़ी कुछ फैक्ट्स और किस्से...
- धुंडिराज गोविंद फाल्के के नाम पर दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया जाता है। गोविंद फाल्के ने पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चन्द्र का निर्माण कर देश को एक नया सपना दिया। यह फिल्म 3 मई को रिलीज हुई और इसी वजह से 3 मई को हर साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। हालांकि इस बार लोकसभा चुनाव की वजह से इनका आयोजन नहीं हो सका।
- इन अवॉर्ड्स की शुरुआत साल 1969 में हुई थी। सबसे पहला दादा साहेब फाल्के सम्मान देविका रानी को दिया गया था।
- इस सम्मान के तहत सम्मानित होने वाले व्यक्ति को एक स्वर्ण कमल मेडल, 10 लाख रुपये और एक शॉल प्रदान किए जाते हैं।
- बॉलीवुड में कपूर परिवार एक ऐसा परिवार है, जिसमें तीन शख्स को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इस परिवार में पहले पृथ्वीराज कपूर, राज कपूर और फिर शशि कपूर को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है। कई मौकों पर ऐसा हुआ है कि पुरस्कार विजेता कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके तो उन्हें घर पर यह अवॉर्ड दिया गया। इसमें प्राण और शशि कपूर का केस शामिल है।
- राज कपूर को भी दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। जब राज कपूर को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था, तो वो सिरी फोर्ट में आयोजित हो रहे कार्यक्रम में पहुंचे। उस वक्त वो काफी बीमार थे और कार्यक्रम में जाने के बावजूद वो राष्ट्रपति के पास स्टेज पर नहीं पहुंच पाए। उस वक्त देश के तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरामन प्रोटोकॉल तोड़कर नीचे आ गए, लेकिन तब तक उनकी हालत खराब हो चुकी थी और उन्हें एम्स ले जाया गया। उसके कुछ दिनों बाद उनका निधन हो गया।