'दे दे प्यार दे' पर चली सेंसर बोर्ड की कैंची, शराब की बोतल की जगह रखवा दिया फूलों का गुलदस्ता
Censor Board Cuts In De De Pyaar De फिल्म दे दे प्यार दे में सेंसर बोर्ड ने कई बदलाव कर दिए हैं. इन बदलाव में कई डायलॉग भी हटाए गए हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। अब सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन यानी सेंसर बोर्ड की कैंची के निशाने पर है बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन और रकुल प्रीत सिंह की फिल्म 'दे दे प्यार दे'। फिल्म रिलीज होने में सिर्फ एक दिन बचा है और सेंसर बोर्ड ने फिल्म के कुछ सीन में बदलाव कर दिए हैं। सेंसर बोर्ड ने फिल्म में इस्तेमाल हुई एक एल्कोहॉल की बोतल को फूलों के गुलदस्ते से रिप्लेस कर दिया है। अब फिल्म में शराब की बोतल की जगह फूलों को गुलदस्ता दिखाई देगा।
दरअसल, सेंसर बोर्ड को फिल्म में एक महिला को स्क्रीन पर शराब पीते हुए दिखाना ठीक नहीं लगा, इसलिए सेंसर बोर्ड ने फिल्म की रिलीज से पहले यह बदलाव किया है। बता दें कि फिल्म के 'वड्डी शराबन' गाने में रकुल प्रीत सिंह एक विस्की की बोतल से साथ नाचती हुई नजर आ रही थी, लेकिन सेंसर बोर्ड को यह ठीक नहीं लगा और बोर्ड की कैंची इस सीन पर चल गई। बोर्ड ने फिल्म को U/A सर्टिफिकेट देने से पहले शराब की बोतल की जगह फूलों को गुलदस्ता रखने का सुझाव दिया है।
इन सीन पर भी चली कैंची
सेंसर बोर्ड ने शराब की बोतल पर ही नहीं बल्कि अन्य सीन भी बदलने का सुझाव दिया है। इनमें कुछ डायलॉग भी हटाने का भी फैसला किया गया है। बोर्ड ने फिल्म में इस्तेमाल किए गए 'परफोर्मेंस बेटर होती है' और 'मंजू जी के आलू ओह ओह... वहीं अच्छे है कि ये सब झूठ है' डायलॉग हटाने के लिए कहा गया है।
क्या है कहानी?
'दे दे प्यार दे' एक अधेड़ उम्र के आदमी और उसकी बेटी की उम्र की लड़की के प्यार की कहानी है, जिसमें उम्र देखकर प्यार न करने वकालत की गई है। फिल्म में अजय के साथ रकुल प्रीत सिंह और तब्बू के अलावा जावेद जाफरी और आलोक नाथ का भी अहम किरदार निभा रहे हैं। फिल्म में तब्बू ने अजय की पूर्व पत्नी का रोल किया है, जिनके दो बच्चे भी हैं। फिल्म शुक्रवार को रिलीज होने जा रही है। फिल्म को अकीव अली ने डायरेक्ट किया है जबकि भूषण कुमार के साथ प्यार का पंचनामा वाले लव रंजन ने फिल्म को प्रोड्यूस किया है।
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