Bhumi Pednekar ने फिल्मों में जेंडर चित्रण बदलने की करी मांग, पुरुषों को लेकर की ये बात
भूमि सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। वह आए दिन अपनी लेटेस्ट तस्वीरें और वीडियो सोशल प्लेटफॉर्म पर फैंस के लिए शेयर करती हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। इंडस्ट्री में बदलाव होना चाहिए, लेकिन वह बदलाव क्या होना चाहिए उसको लेकर बातें कोई नहीं करता। अब इस बारे में बात कर रही हैं महिला प्रधान और सशक्त किरदार करने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर। भूमि पेडनेकर का कहना है कि हम जिस तरह से महिलाओं और पुरुषों को सिनेमा में दिखाते हैं, उसे बदलना होगा। हमारी भी इच्छाएं, महत्वाकांक्षा और भावनाएं हैं।
हमेशा ही अलग सबजेक्ट पर बनी फिल्मों में काम करने वाली भूमि पेडनेकर का कहना है कि फिल्मों में पुरुषों को दिखाने का तरीका भी बदलना होगा। पुरुष जेंडर होने के नाते उन पर हम ज्यादा ही बोझ डाल देते हैं। उन्हें सशक्त दिखाया जाता है, वो आंसू नहीं बहा सकते हैं, भावनाओं का इजहार नहीं कर सकते हैं यह बहुत गलत है। 'मर्द को दर्द नहीं होता' या 'पुरुष आहत नहीं होता' इसे बदलने की सख्त जरूरत है। मैं यह भी मानती हूं कि हमें महिलाओं को किसी वस्तु की तरह पेश करना बंद करना चाहिए।
भूमि पेडनेकर का मानना है कि दर्शाकों पर सिनेमा का काफी गहरा असल पड़ता है। वह कहती हैं, 'मैं यह भी मानती हूं कि हमें महिलाओं को किसी वस्तु की तरह पेश करना बंद करना चाहिए।'
आपको बात दें कि भूमि पेडनेकर ने अपने करियर में कई अलग तरह के किरदारों को जिया है। भूमि के लिए फिल्म के बजट से ज्यादा उसकी कहानी और उसमें उनका रोल ज्यादा मायने रखता है। वहीं भूमि सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। वह आए दिन अपनी लेटेस्ट तस्वीरें और वीडियो सोशल प्लेटफॉर्म पर फैंस के लिए शेयर करती हैं। उनकी इन तस्वीरों को फैंस न सिर्फ पसंद करते हैं बल्कि उसपर अपनी प्रतिक्रया भी देते हैं।