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लॉकडाउन में एक्ट्रेसस भूमि पेडनेकर सीख रही हैं खेती की स्पेशल तकनीक, बिना मिट्टी उगाए जा सकते हैं पौधे

भूमि पेडनेकर इस वक्त में मां से हाइड्रोपोनिक खेती करना सीख रहीं हैं। ऐसी तकनीक जिसमें बिना मिट्टी के पौघे उगाए जा सकते हैं। आइए जानते हैं...

By Rajat SinghEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 10:58 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 06:50 AM (IST)
लॉकडाउन में एक्ट्रेसस भूमि पेडनेकर सीख रही हैं खेती की स्पेशल तकनीक, बिना मिट्टी उगाए जा सकते हैं पौधे
लॉकडाउन में एक्ट्रेसस भूमि पेडनेकर सीख रही हैं खेती की स्पेशल तकनीक, बिना मिट्टी उगाए जा सकते हैं पौधे

 नई दिल्ली, जेएनएन। लॉकडाउन से पहले भूमि पेडणेकर हॉरर थ्रिलर फिल्म 'दुर्गावती' की शूटिंग कर रही थीं। फिलहाल, अभी वह मां से हाइड्रोपोनिक खेती करना सीख रहीं हैं। ऐसी तकनीक जिसमें बिना मिट्टी के पौघे उगाए जा सकते हैं। इन सभी विषय पर उन्होंने दैनिक जागरण की स्मिता श्रीवास्तव से बात की। आइए जानते हैं...

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आप लॉकडाउन से पहले 'दुर्गावती' की शूटिंग कर रही थीं। इसके बारे में कुछ बताइए?

फिल्म की शूटिंग के दौरान दुनिया के बाकी देशों में कोरोना संक्रमण पांव पसार रहा था। हालातों से अंदाजा लग रहा था कि यहां भी लॉकडाउन हो सकता है। इस वजह से हमने बीस-बीस घंटे शूट करके करीब 96 प्रतिशत शूटिंग पूरी कर ली थी। फिल्म शुरू होने के दौरान मैं काफी नर्वस थी लेकिन फिल्म की समाप्ति पर यह एक्साइटमेंट में बदल गई। पहली बार फिल्म का भार मेरे कंधों पर है। इस किरदार को निभाने में मुझे बहुत मजा आया।

असल जिंदगी में दुर्गा का रूप कब धारण करती हैं?

मैं पर्यावरण संरक्षण को लेकर बहुत प्रयासरत हूं। लिहाजा अगर मैं प्रकृति को नुकसान पहुंचते देखती हूं तो गुस्सा आ जाता है।

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इन दो महीनों में कोई नई चीज सीखी?

मुझमें यूं तो कोई बुरी आदत नहीं है। हां, बतौर कलाकार शूटिंग की वजह से तीन से चार घंटे ही सो पाती थी। अब बॉडी को हील कर पा रही हूं। पिछले दो महीने से घर का पौष्टिक खाना खा रही हूं। कोशिश यही है कि अंदरूनी चोटों को ठीक करूं।

लॉकडाउन में पुरानी यादें ताजा करने का मौका मिला?

घर की सफाई के दौरान मुझे कई पुरानी चीजें मिलीं जिसने यादों का पिटारा खोल दिया। मसलन स्कूल की स्क्रैपबुक, स्कूल में आखिरी दिन पहनी शर्ट मिली, जिस पर दोस्तों ने चटपटी बातें लिखी थीं। एक्टिंग स्कूल के लिए मैंने अपना पहला नाटक रिकॉर्ड किया था, वह टेप मिला। 'दम लगा के हईसा' की स्क्रिप्ट मिली। इसके अलावा ढेरों पुरानी तस्वीरें मिलीं। 

फिलहाल मम्मी के साथ हैं। उनसे क्या कुछ सीख रही हैं? 

अर्से बाद मम्मी के साथ इतना वक्त बिताने का मौका मिला। मैं उनसे हाइड्रोपोनिक खेती सीख रही हूं। इस तकनीक में मिट्टी का इस्तेमाल नहीं होता और पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्व पानी के सहारे सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाए जाते हैं। इसमें कृत्रिम पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जाता है जहां पौधों को नियंत्रित तापमान और नमी दी जाती है। इसकी मदद से हम सब्जियां और फल उगा सकते हैं। फिलहाल मनी प्लांट और कमल को उगाने की कोशिश कर पाई हूं।

आपने सोशल मीडिया पर मम्मी के साथ 'सांड के आंख' की रीडिंग का वीडियो डाला है। क्या हर स्क्रिप्ट में उनकी मदद लेती हैं?

'सांड की आंख' में मुझे उनके तजुर्बे की जरूरत थी। वो गांव की दुनिया से परिचित हैं। उन्होंने मेरे साथ बहुत मेहनत की थी।

 

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From teaching me A , B , C , D to teaching me my lines for my films - Thank you Maa ( Mom would wake up everyday at 4 am with me , smother me with love and then go through my scenes for Saand Ki Aankh) #happymothersday

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अगली फिल्म 'बधाई दो' के बारे में बताएं?

इसके जरिए पहली बार राजकुमार राव के साथ काम कर रही हूं। हर्षवद्र्धन कुलकर्णी इसका निर्देशन कर रहे हैं। फिल्म फनी होने के साथ दिल को छू लेगी। फिलहाल इसके बारे में ज्यादा नहीं बता सकती। 


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