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Anurag Kashyap Me Too Case: अनुराग कश्यप से यौन उत्पीड़न मामले में लगभग 8 घंटे तक पूछताछ, हुआ बुरा हाल

Anurag Kashyap Me Too Case पीड़ित अभिनेत्री ने मुंबई पुलिस से संपर्क किया और अनुराग कश्यप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इसके बाद उन्हें गुरुवार को वर्सोवा पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बुलाया गया। उनसे लगभग 8 घंटे तक पूछताछ की गई।

By Rupesh KumarEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 09:55 PM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 07:42 AM (IST)
Anurag Kashyap Me Too Case: अनुराग कश्यप से यौन उत्पीड़न मामले में लगभग 8 घंटे तक पूछताछ, हुआ बुरा हाल
अनुराग कश्यप यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस के सामने पेश हुए।

नई दिल्ली, जेएनएनl पीड़ित फिल्म अभिनेत्री ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसके बाद अनुराग कश्यप को मुंबई पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था। उनसे लगभग 8 घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ के लिए अनुराग कश्यप को वर्सोवा पुलिस स्टेशन बुलाया गया था। कुछ दिनों पहले फिल्म निर्माता पर एक अभिनेत्री ने यौन दुराचार का आरोप लगाया गया था।

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इसमें दावा किया गया था कि अनुराग कश्यप ने उनसे जबरदस्ती की थी। हालांकि, कश्यप ने इन आरोपों को निराधार बताया था। पीड़ित अभिनेत्री ने तब मुंबई पुलिस से संपर्क किया और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जिसके बाद उन्हें गुरुवार को वर्सोवा पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बुलाया गया। 

गुरुवार की सुबह अनुराग कश्यप यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस के सामने पेश हुए। उनसे आरोपों पर पूछताछ की गई। इसके बाद उन्हें पुलिस स्टेशन से बाहर निकलते हुए और कार बैठते हुए देखा गया। इस बीच अनुराग को बुलाने के बाद पीड़िता ने मुंबई पुलिस को धन्यवाद दिया और ट्वीट किया था, 'थैंक्यू @MumbaiPolice ... @ anuragkashyap72 को समन और पूछताछ करने के लिए वर्सोवा पुलिस स्टेशन में बुलाया गया है। चलो न्याय की आशा करते हैं.... !!' इस बीच अनुराग कश्यप ने अपने वकील प्रियंका खिमानी के माध्यम से एक बयान जारी कर कहा था कि आरोप पूरी तरह से झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं।

बयान में कहा गया है, “मेरे मुवक्किल, अनुराग कश्यप पर लगे यौन दुराचार के झूठे आरोपों से उन्हें गहरा दुख हुआ है, जो हाल ही में उनके खिलाफ सामने आए हैं। ये आरोप पूरी तरह से झूठे, निंदनीय और गलत हैं। यह दुखद है कि #MeToo आंदोलन जितना महत्वपूर्ण है, उसे निहित स्वार्थों के लिए चुना गया है और चरित्र हनन का एक उपकरण मात्र बना दिया गया है।'


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