Payal Rohtagi के ख़िलाफ़ अंधेरी कोर्ट ने दिया पुलिस जांच का आदेश, जामिया स्टूडेंट पर किये थे आपत्तिजनक ट्वीट
पायल के ट्वीट्स के बाद वकील अली काशिफ ख़ान देशमुख ने अम्बोली पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज़ करवायी थी। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि पायल के ट्वीट्स मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत और वैमनस्य फैला रहे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। एक्ट्रेस पायल रोहतगी मुश्किल में फंसती नज़र आ रही हैं। जामिया की एक स्टूडेंट के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में मुंबई की अंधेरी कोर्ट ने एक्ट्रेस के ख़िलाफ़ जांच के आदेश दिये हैं। अदालत ने प्रथम-दृष्ट्या पाया कि पायल के ट्वीट्स ना सिर्फ़ महिला बल्कि पूरे समुदाय के लिए अपमानजनक हैं।
मंगलवार को मुंबई की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 20 जून के बाद पायल के ट्वीट्स की जांच करने का आदेश दिया। लाइव लॉ वेबसाइट के अनुसार, मामला दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया में एमफिल की स्टूडेंट सफ़ूरा ज़रगार की गिरफ़्तारी से जुड़ा है। दिल्ली दंगों के सिलसिले में सफ़ूरा की गिरफ़्तारी के बाद पायल ने एक पत्रकार के ट्वीट पर कमेंट किया था, जो प्रेग्नेंट सफ़ूरा की स्थिति को लेकर किया गया था। सफ़ूरा को बाद में मानवीय आधार पर ज़मानत मिल गयी थी।
A Metropolitan Magistrate Court at Andheri, Mumbai, has ordered a 202 inquiry by Police arrest against #PayalRohatgi for her tweets from June 2020, in the context of Jamia Student #SafooraZargar's arrest.
Read more: https://t.co/yFY7rhW8lR" rel="nofollow pic.twitter.com/46GExg84oa— Live Law (@LiveLawIndia) April 6, 2021
पायल के ट्वीट्स के बाद वकील अली काशिफ ख़ान देशमुख ने अम्बोली पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज़ करवायी थी। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि पायल के ट्वीट्स मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत और वैमनस्य फैला रहे हैं। इसके साथ ट्वीट्स में अपने कमेंट्स के ज़रिए पायल पर मुस्लिम महिलाओं की सार्वजनिक रूप से मान-हानि के आरोप भी लगाये गये थे।
30 मार्च को अदालत ने सेक्शन 202 के तहत मुंबई पुलिस को मामले की जांच करने के आदेश दिये थे। पुलिस को 30 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है।
बता दें, 2019 के दिसम्बर में राजस्थान पुलिस ने पायल रोहतगी को गांधी परिवार के ख़िलाफ़ टिप्पणी करने के एक मामले में गिरफ़्तार किया था। पायल ने अपनी गिरफ़्तारी की सूचना ट्विटर के ज़रिए दी थी। उन्होंने लिखा था- मोतीलाल नेहरू पर वीडियो बनाने के लिए मुझे राजस्थान पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। पायल ने बताया था कि वीडियो बनाने के लिए उन्होंने जानकारी गूगल से ली थी। बोलने की आज़ादी मज़ाक बन गयी है। पायल ने अपने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय को भी टैग किया था।
पुलिस ने पायल को 15 दिसम्बर को हिरासत में लिया था। स्थानीय अदालत ने उन्हें 8 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। हालांकि, तीन दिन बाद उन्हें ज़मानत मिल गयी थी। पिछले साल उनका ट्विटर एकाउंट भी सस्पेंड किया गया था।