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50 Years Of Big B: अमिताभ बच्चन को कैसे मिली पहली फ़िल्म, जानिए दिलचस्प कहानी

अमिताभ बच्चन की बदला एक मार्च को रिलीज़ होने वाली है। इंडस्ट्री में 50 साल का सफ़र पूरा करने के बाद यह बच्चन की पहली रिलीज़ होगी।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 03:47 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 08:28 AM (IST)
50 Years Of Big B: अमिताभ बच्चन को कैसे मिली पहली फ़िल्म, जानिए दिलचस्प कहानी
50 Years Of Big B: अमिताभ बच्चन को कैसे मिली पहली फ़िल्म, जानिए दिलचस्प कहानी

 मुंबई। 15 फरवरी, 1969, वैसे तो ये सामान्य-सी तारीख़ है। मगर, सिनेमा के चाहने वालों के लिए ये तारीख़ किसी त्यौहार से कम नहीं। इसी दिन भारतीय सिनेमा में एक ऐसे कलाकार की अभिनय यात्रा आरम्भ हुई थी, जिसके क़दमों के निशां पर चलते-चलते एक्टर्स की कई पीढ़ियां जवान हुई हैं। कहने की ज़रूरत नहीं, ये अभिनेता हैं अमिताभ बच्चन, जिनके अभिनय का कारवां 50वां पड़ाव पर आ गया है। 

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अमिताभ के करियर के लिए बेहद अहम मौक़ा है। 50 साल का वक़्त कम नहीं होता। इस पीरियड में अमिताभ ने एक लंबा सफ़र तय किया है। इसीलिए बेटी श्वेता बच्चन नंदा ने आइकॉनिक पिता के सफ़र को इस अंदाज़ में याद किया है। 

बेटे अभिषेक बच्चन ने डैड बिग बी के बारे में एक छोटा सा नोट लिखकर उनके करियर को याद किया है- एक मिसाल। मेरे लिए वो इससे अधिक हैं। मेरे पिता, सबसे अच्छे दोस्त, गाइड, आलोचक, सम्बल और आदर्श... हीरो। 50 साल पहले उन्होंने फ़िल्मों में अपना करियर शुरू किया था। आज भी, अपनी कला के लिए उनका पैशन और प्यार वैसा ही है, जैसा पहले दिन रहा होगा। प्रिय पा, आज हम आपके हुनर, पैशन, आपकी प्रतिभा और गहरे असर को मना रहे हैं। इस बात का इंतज़ार रहेगा कि आगले 50 सालों में आप क्या देने वाले हैं। आज जब मैं उन्हें 50 साल पूरे होने की बधाई देने गया तो उन्होंने मुझे एक सबसे अच्छी बात सिखायी... वो काम पर जाने के लिए पहले से तैयार थे... मैंने पूछा कहां जा रहे हैं, तो बोले- काम करने। 

 

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ICON! To me, he's so much more. My father, best friend, guide, best critic, greatest support, idol..... HERO! 50 years today he started his journey in films. Even today, his passion and love for his craft and work is the same as I'm sure it was on the first day. Dearest Pa, today we celebrate you, your talent, your passion, your brilliance and your immense influence. Can't wait to see what you have in store for the next 50 years. The coolest thing he taught me today.... As I went, in the morning to wish him for completing 50 years of being an actor and to tell him that I was leaving for work- I asked him where he was all ready to go to? He said..... To work! 💪 . . . . #50yrsofBigB #amitabhbachchan #BigB

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15 फरवरी ही वो दिन है, जब 1969 में सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन अपने सपनों को पूरा करने मायानगरी आए थे और अपनी पहली फ़िल्म 'सात हिंदुस्तानी' साइन की थी। 11 अक्टूबर को उम्र का 76वां पड़ाव पार कर चुके बिग बी हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में 50 साल की उम्र पूरी कर रहे हैं। मगर, ये सब उतना आसान नहीं था। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. हरिवंश राय बच्चन का बेटा होने के बावजूद अमिताभ को फ़िल्मी दुनिया में शुरुआत करने के लिए अपने हिस्से का संघर्ष करना पड़ा, जो The Amitabh Bachchan बनने से पहले अगले कुछ सालों तक जारी रहा।

ऐसे मिली 'सात हिंदुस्तानी'

अमिताभ को 'सात हिंदुस्तानी' कैसे मिली, इसके पीछे भी दिलचस्प कहानी है, जिसे ख्वाज़ा अहमद अब्बास की एक किताब में विस्तार से दिया गया है। 'सात हिंदुस्तानी' की कहानी गोवा मुक्ति आंदोलन से निकली थी, जिसके लिए अब्बास को सात एक्टर्स की ज़रूरत थी। फ़िल्मी दुनिया के रंगीन सपने देखने वाले अमिताभ को जब इस फ़िल्म के बारे में पता चला तो वो कोलकाता में अपनी 1600 रुपए महीने की नौकरी छोड़कर मुंबई आ गये थे। अब्बास ने अमिताभ को दो किरदारों की च्वाइस दी थी- एक पंजाबी और दूसरा मुस्लिम। अमिताभ ने मुस्लिम किरदार अनवर अली चुना, क्योंकि इस किरदार में अभिनय की कई परतें थीं। 

ख़ास बात ये है कि अमिताभ को 'सात हिंदुस्तानी' मिली भी नहीं थी, मगर उन्होंने नौकरी से इस्तीफ़ा दे दिया था। जब अब्बास ने उनसे कहा कि अगर उन्हें ये फ़िल्म ना मिलती तो क्या होता। इस पर बिग बी ने कहा था कि कुछ जोख़िम तो उठाने पड़ते हैं। अमिताभ ने जिस अंदाज़ में ये बोला, वो अब्बास के दिल को छू गया। इस फ़िल्म के लिए अमिताभ को पांच हज़ार रूपए की पेशकश की गयी थी, जो उस वक़्त उनकी नौकरी से होने वाली आय के मुक़ाबले काफ़ी कम था। मगर, सात हिंदुस्तानी उनके लिए सिर्फ़ एक फ़िल्म नहीं थी, बल्कि अपने सपने को पूरा करने की तरफ़ पहला क़दम था।

बच्चन नहीं सिर्फ़ 'अमिताभ'

 

ग़ौर करने वाली बात ये भी है कि ख्वाज़ा अहमद अब्बास अमिताभ के पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन को अच्छी तरह जानते थे, लेकिन अमिताभ ने इसका ज़िक्र तब तक नहीं किया, जब तक बताना ज़रूरी नहीं हो गया। पिता का नाम पता चलते ही अब्बास ने अमिताभ को साइन करने से पहले उनके पिता की अनुमति लेने का फ़ैसला किया और ख़ुद तार भेजकर पूछा कि क्या वो अमिताभ को फ़िल्म में कास्ट कर सकते हैं। हरिवंश राय बच्चन की स्वीकृति के बाद ही अमिताभ सात हिंदुस्तानी के लिए कांट्रेक्ट साइन कर सके। सात हिंदुस्तानी 1969 में ही 7 नवंबर को ही रिलीज़ हुई थी। कमर्शियली ये फ़िल्म नहीं चली, लेकिन सिनेमा को एक ऐसा सितारा दे दिया, जिसकी रौशनी आज भी कायम है। 

ज़ंजीर से पहले 4 साल का संघर्ष

सात हिंदुस्तानी के बाद अमिताभ बच्चन की फ़िल्मी दुनिया में एंट्री तो हो गयी, मगर पहली बड़ी कामयाबी के लिए चार साल कड़ा संघर्ष करना पड़ा। 1973 में प्रकाश मेहरा की ज़जीर रिलीज़ हुई, जिसके साथ हिंदी सिनेमा के एंग्री यंग मैन की एंट्री हुई। ज़जीर से पहले अमिताभ 11 फ़िल्में कर चुके थे, जिनमें उन्होंने मुख्य या सहायक भूमिकाएं अदा की थीं, मगर इनमें अधिकतर फ्लॉप रहीं, और जो कामयाब रहीं, उनका क्रेडिट उन्हें नहीं मिला।

अमिताभ बच्चन की 'बदला' 8 मार्च को रिलीज़ होने वाली है। इंडस्ट्री में 50 साल का सफ़र पूरा करने के बाद यह बच्चन की पहली रिलीज़ होगी। सुजॉय घोष निर्देशित फ़िल्म स्पेनिश भाषा की फ़िल्म द इनविज़िबल गेस्ट का ऑफ़िशियल रीमेक है। फ़िल्म में तापसी पन्नू अमिताभ के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर कर रही हैं। 


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