Amaal Malik On Nepotism: 'हमें भी सलमान ख़ान से मिलने के लिए 7 घंटे इंतज़ार करना पड़ा था', नेपोटिज़्म पर बोले अमाल
Amaal Malik On Nepotism डब्बू मलिक के बेटे अमाल ने कहा कि अपने पिता के प्रति पूरे सम्मान के साथ मैं यह कहना चाहता हूं कि वो बहुत बड़े कंपोज़र नहीं थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से मुंबई फ़िल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म की जो बहस शुरू हुई, वो अब थमने का नाम नहीं ले रही। सोशल मीडिया में ऐसे कई सेलेब्रिटीज़ को निशाना बनाया जा चुका है, जो किसी नामी-गिरामी फ़िल्मी फैमिली से आते हैं। दूसरी ओर, ऐसे कलाकारों ने भी अब खुलकर बोलना शुरू कर दिया, जिनके नाम के आगे कोई मशहूर सरनेम लगा है। बॉलीवुड में टिकने के लिए अपने संघर्षों के बारे में बता रहे हैं। सिंगर-कंपोज़र अमाल मलिक ने एक इंटरव्यू में कहा कि जिन लोगों के पीछे एक नाम होता है, उन्हें अधिक पापड़ बेलने पड़ते हैं।
बता दें कि अमाल मलिक हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के एक बेहद प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अमाल, सिंगर-एक्टर-म्यूज़िक कंपोज़र डब्बू मलिक के बेटे और अनु मलिक के भतीजे हैं। वहीं, उनके दादा सरदार मलिक 50 और 60 के दौर के बेहद सफल म्यूज़िक कंपोज़र रहे थे। ठोकर, औलाद, सारंगा, बचपन और जंतर मंतर जैसी फ़िल्मों में संगीत दिया था। अमाल मलिक के अंकल अबु मलिक बिग बॉस 13 में कंटेस्टेंट के रूप में नज़र आ चुके हैं।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया से हुई बातचीत में अमाल ने कहा कि अपने पिता के प्रति पूरे सम्मान के साथ मैं यह कहना चाहता हूं कि वो बहुत बड़े कंपोज़र नहीं थे। जैसी सफलता मेरे अंकल (अनु मलिक) को मिली, उन्हें वैसी कामयाबी हासिल नहीं हुई। इसलिए ऐसा नहीं था कि उनके एक कॉल करने से मुझे काम मिल गया। उन्होंने अपने हिस्से का काम किया और कुछ सफल भी रहे। अरमान (अमाल के भाई) ने जब विशाल ददलानी के लिए पहला गाना गया था तो उन्हें पता भी नहीं था कि डब्बू मलिक के बेटे हैं। उन्होंने 10-11 साल की उम्र में भूतनाथ के लिए स्क्रैच गाया था। उन्हें मौक़ा इसलिए नहीं मिला, क्योंकि वो किसी नामी आदमी के बेटे थे।
अमाल ने आगे कहा कि बहुत से लोग सोचते होंगे, मेरे नाम के आगे मलिक टैग लगा है तो काम मिलना आसान होगा। लेकिन ऐसा सही नहीं है। अंकित तिवारी, जो खाली हाथ आये थे और यहां आकर इतना कुछ हासिल किया, पूरे सम्मान के साथ कहना चाहूंगा कि उनके मुकाबले में मुझे कुछ फायदा मिला। मैं जानता हूं कि यहां काम कैसे होता है। मैंने अपने परिवार की असफलता देखी है। इसलिए मुझे पता है कि काम कैसे किया जाता है और बस इतना ही फर्क है। मैं 19 साल की उम्र से काम कर रहा हूं, लेकिन 24 साल में पहली फ़िल्म मिली।
अमाल बताते हैं कि वो अपना संगीत सुनाने सलमान ख़ान से मिलने अपने भाई और मां के साथ उनकी फ़िल्म के सेट पर गये थे। अपनी सीडी सुनाने के लिए हमें सात घंटे इंतज़ार करना पड़ा था। हम किसी से अपना संगीत लॉन्च करवाना चाहते थे या सिर्फ़ यह चाहते थे कि कोई इसकी तारीफ़ कर दे। संगीत अच्छा था, इसलिए उन्होंने हमें मौक़ा दिया।
हाल ही में टी-सीरीज़ के लिए अमाल मलिक ने ज़रा ठहरो गाना कंपोज़ किया है, जिसे उनके भाई अरमान और तुलसी कुमार ने आवाज़ दी है, वहीं पिता डब्बू मलिक ने डायरेक्ट किया है। गाना सोमवार को रिलीज़ होने वाला था, मगर सुशांत सिंह राजपूत की आख़िरी फ़िल्म दिल बेचारा का ट्रेलर आज आ रहा है, जिसके चलते उनके सम्मान में गाना दो दिन के लिए टाल दिया गया है। अमाल ने इसकी सूचना इंस्टाग्राम के ज़रिए दी।
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को सुसाइड कर ली थी। इसके बाद से ही इनसाइडर-आउटसाइडर का मुद्दा गर्माया हुआ है।