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अक्षय कुमार कभी खुद पर बनायेंगे बायोपिक या नहीं, जवाब इस खबर में हैं

अक्षय कहते हैं कि मैंने दुनिया में ऐसा कुछ अनोखा नहीं किया है, जिसकी वजह से मुझ पर बायोपिक बने.

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 06:09 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 11:16 AM (IST)
अक्षय कुमार कभी खुद पर बनायेंगे बायोपिक या नहीं, जवाब इस खबर में हैं
अक्षय कुमार कभी खुद पर बनायेंगे बायोपिक या नहीं, जवाब इस खबर में हैं

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। अक्षय कुमार की गोल्ड हॉकी पर आधारित फिल्म है, लेकिन वह उस व्यक्ति की भी बायोपिक फिल्म मानी जा रही है, जो कि 1948 में भारत के ओलंपिक में पहली बार गोल्ड मैडल हासिल करवाने की बड़ी वजह बने थे. हालांकि अब तक इस ऐतिहासिक व्यक्ति का नाम सामने नहीं आया है.

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वही दूसरी तरफ अक्षय ने पैडमैन में असली पैड मैन अरुणाचलम पर भी बायोपिक फिल्म बनायी. तो ऐसे में क्या कभी अक्षय खुद पर बायोपिक बनाने में दिलचस्पी रखते हैं. अक्षय कहते हैं कि वह मूर्ख नहीं हैं कि खुद पर बायोपिक बनायें या बनवाएं . अक्षय कहते हैं कि मैंने दुनिया में ऐसा कुछ अनोखा नहीं किया है, जिसकी वजह से मुझ पर बायोपिक बने. वह अपने पर नहीं बल्कि उन रियल हीरोज़ पर बायोपिक बनाना चाहेंगे, जिन्होंने देश और समाज के लिए कुछ किया है. अक्षय की चाहत है कि वैसे अनसंग हीरोज़ , जिसकी कहानियां लोगों तक नहीं नहीं पहुँच पातीं, वह चाहते हैं कि उनकी कहानियां परदे पर दिखायें न कि खुद का गुणगान करें. वह कहते हैं कि मैं तो न तो खुद पर बायोपिक बनाना चाहूंगा और न ही खुद पर कोई किताब लिखना चाहूंगा.

अक्षय आगे कहते हैं कि जिस तरह की कहानियां छोटे जगहों से आ रही हैं और रियल हीरो उस पर काम कर रहे हैं. उनकी कहानियां कही जानी जरूरी हैं, जिससे लोग इंस्पायर हों कि कम संसाधन में भी लोगों ने देश के लिए कितना कुछ किया है.कितना कुछ हासिल किया है. ऐसे में खुद पर फिल्म बनाना मूर्खता के अलावा कुछ भी नहीं है मेरे लिए और मैं ये गलती नहीं करने जा रहा हूं.

अक्षय कहते हैं कि मुझे उन सारे खिलाड़ियों की जर्नी बहुत इंस्पायर करती हैं, जो अपने दम पर, बिना किसी से शिकायत किये आगे बढ़े हैं. हाल ही में हिमा दास ने जो कर दिखाया और जितने सीमित संसाधन में किया है वह काबिलेतारीफ है. किसी से शिकायत करने और कमी निकालने की बजाय खुद से मेहनत करने में यकीन करनी चाहिए. वह कहते हैं कि मुझे उन लोगों से चिढ़ होती है, जो कहते हैं कि स्टेडियम नहीं मिला मुझे, प्ले ग्राउंड नहीं मिला.

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