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नेपोटिज़्म पर बहस के बीच छलका अभिषेक बच्चन का दर्द , ‘मैंने कई डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स से काम मांगा था लेकिन...’

सुशांत की मौत को एक हफ्ता बीत चुका है लेकिन नेपोटिज़्म को लेकर बहस अब भी जारी है। इसी बीच बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है।

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 02:02 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 08:09 AM (IST)
नेपोटिज़्म पर बहस के बीच छलका अभिषेक बच्चन का दर्द , ‘मैंने कई डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स से काम मांगा था लेकिन...’
नेपोटिज़्म पर बहस के बीच छलका अभिषेक बच्चन का दर्द , ‘मैंने कई डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स से काम मांगा था लेकिन...’

नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को लेकर लंबे समय से बहस चली आ रही है। नेपोटिज़्म का मुद्दा कई मौके पर सामने आ चुका है। अब सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने इस मुद्दे को एक बार फिर हवा दे दी है। इस बार खुद बॉलीवुड ही दो फाड़ हो गया है। सुशांत के जाने के बाद लोगों ने कई स्टार्स को नेपोटिज्म के नाम पर टारगेट किया, तो वहीं कई स्टार्स ने भी फिल्म इंडस्ट्री के अंदर की सच्चाई इशारों-इशारों में बताई।

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सुशांत की मौत को करीब एक हफ्ता बीत चुका है, लेकिन नेपोटिज़्म को लेकर बहस अब भी जारी है। इसी बीच अमिताभ बच्चन के बेटे बॉलीवुड एक्टर अभिषेक बच्चन ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में बताया है। एक्टर ने अपने पोस्ट के साथ वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘ साल 2009...दिल्ली 6 और पा। बहुत लोग ये बात नहीं जानते होंगे कि 1998 में, मैं और राकेश ओमप्रकाश मेहरा अपने फिल्मी करियर की एकसाथ शुरुआत करना चाहते थे'।

'हम 'समझौता एक्सप्रेस' के लिए साथ काम कर रहे थे। हमने बहुत कोशिश की, लेकिन हमें कोई लॉन्च करने वाला नहीं मिला। मुझे अभी याद भी नहीं कि मैं कितने प्रोड्यूसर और डायरेक्टर्स से मिला था उनसे रिक्वेस्ट की थी कि मुझे एक्टिंग का एक मौका दें। लेकिन किसी ने मौक नहीं दिया। हम दोनों दोस्त थे, तो हमने फैसला लिया कि हम कुछ ऐसा बनाएं जिसे राकेश डायरेक्ट कर सकें और मैं उसमें एक्टिंग कर सकूं, इस तरह 'समझौता एक्सप्रेस' का जन्म हुआ। यह फिल्म नहीं बन सकी जिसका मलाल हमारे दिल में आज भी है। उसके बाद राकेश मेरे पिता के साथ 'अक्स' बनाने लगे, और सौभाग्य से मैं और पापा जेपी साब से मिला। उन्हें मेरा लुक पसंद आया। जेपी साब 'आखिरी मुगल' बनाने के बारे में सोच रहे थे और उसके लिए उन्हें एक नए चेहरे की तलाश थी। मैं लकी रहा...उन्हें कभी आखिरी मुग़ल तो नहीं बनाई लेकिन उसकी जगह ‘रिफ्यूजी’ बनाई।

'10 साल बाद राकेश और मैं आखिरकार साथ काम कर पाए। हमने साथ में ‘दिल्ली 6’ बनाई। बेहत प्यारी कास्ट... हम एक परिवार की तरह थे। ये सोनम कपूर की दूसरी फिल्म थी। इसके बाद अभिषेक ने अपने पोस्ट में पापा के साथ ‘पा’ और विद्या बालन के साथ काम करने का भी जिक्र किया है। आपको बता दें कि अभिषेक ने रिफ्यूजी से ही बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फिल्म में उनके साथ करीना कपूर लीड रोल में थीं।

 

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