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उत्तराखंड की इन दो सीटों पर तीसरे नंबर पर रहा 'नोटा', जानिए

प्रदेश की पांच सीटों पर हुए लोकसभा चुनावों में जनता ने भाजपा और कांग्रेस के बाद नोटा पर ही भरोसा जताया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 09:17 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 09:17 PM (IST)
उत्तराखंड की इन दो सीटों पर तीसरे नंबर पर रहा 'नोटा', जानिए
उत्तराखंड की इन दो सीटों पर तीसरे नंबर पर रहा 'नोटा', जानिए

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड की पांच सीटों पर हुए चुनावों में जनता ने भाजपा और कांग्रेस के बाद नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) पर ही भरोसा जताया। इन दोनों के बाद सबसे अधिक लोगों की पसंद नोटा रहा। यानी हर सीट पर नोटा ने उपस्थिति दर्ज कराई है। प्रदेश में कुल 50479 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया। इस कारण दो सीटों पर नोटा तीसरे स्थान पर रहा। दो सीटों पर बसपा और एक पर निर्दलीय तीसरे नंबर पर रहा। 

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प्रदेश में इस बार भाजपा ने सभी सीटों पर बंपर जीत दर्ज की है। सभी सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही है। इन सभी सीटों के शेष प्रत्याशियों के नतीजों पर नजर डालें तो नोटा इन सब पर भारी पड़ा है। अल्मोड़ा सीट पर भाजपा व कांग्रेस के बाद 15351 लोगों ने नोटा का बटन दबाया। यह कुल वोट का 2.26 प्रतिशत है, चौथे स्थान पर बसपा प्रत्याशी को दस हजार से अधिक वोट मिले हैं। 

पौड़ी लोकसभा सीट पर भी 12181 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया है। यहां नोटा को तीसरे नंबर पर सबसे अधिक मत मिले हैं। यह कुल मत का 1.69 प्रतिशत है। चौथे स्थान पर 5200 मत लेकर निर्दल प्रत्याशी है। हरिद्वार सीट पर नोटा 0.49 प्रतिशत वोट के साथ चौथे स्थान पर रहा है। यहां तीसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी रहे। यहां कुल 6207 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया। 

नैनीताल सीट पर भी नोटा 0.84 प्रतिशत लोगों की पसंद बन चौथे स्थान पर रहा। यहां 10608 लोगों ने नोटा दबाया। यहां भी तीसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी रहे। टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट पर 0.71 प्रतिशत यानी 6129 मतों के साथ नोटा पांचवे स्थान पर रहा। यहां तीसरे और चौथे स्थान पर निर्दल प्रत्याशी रहे। जिन्हें क्रमश: दस हजार और 6500 से अधिक मत मिले। इससे यह भी साफ हो गया कि राष्ट्रीय दलों को छोड़ जनता ने किसी पर भरोसा नहीं जताया है। 

पांच अंकों को भी न छू सका उक्रांद

प्रदेश में अपनी खोई पहचान बनाने को आतुर उत्तराखंड क्रांति दल को जनता ने पूरी तरह नकार दिया है। इन चुनावों में उक्रांद के दो धड़े उतरे थे। इनमें से भी सबकी नजर दिवाकर भट्ट के नेतृत्व वाले उक्रांद पर थी। उक्रांद ने नैनीताल को छोड़ शेष चार सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। आलम यह रहा कि ये सभी चारों प्रत्याशी मिलकर भी पांच अंकों यानी दस हजार वोट तक नहीं पहुंच पाए। इनमें सबसे अधिक वोट अल्मोड़ा से मिले। यहां उक्रांद प्रत्याशी को तकरीबन चार हजार वोट पड़े। शेष तीन स्थानों पर उक्रांद प्रत्याशी 1500 से 2000 के बीच ही सिमट कर रह गए। 

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