Loksabha Election 2019 : बनारस के चुनावी महासमर में आज फाइनल हो जाएंगे योद्धा
बुधवार को दोपहर तीन बजे तक पता चल जाएगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कितने प्रत्याशी वाराणसी संसदीय सीट फतह करने के लिए मैदान में रह गए हैं।
वाराणसी, जेएनएन। बुधवार को दोपहर तीन बजे तक पता चल जाएगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कितने प्रत्याशी वाराणसी संसदीय सीट पर फतह हासिल करने के लिए ताल ठोकेंगे। पीएम मोदी समेत 102 लोगों ने नामांकन किया था। नामांकन पत्रों की जांच में सिर्फ 31 प्रत्याशियों के पर्चे वैध पाए गए। तेज बहादुर को लेकर पेच फंसा था जो बुधवार दोपहर बाद स्पष्ट हो गया। उधर, मंगलवार से कलेक्ट्रेट में धरना दे रहे शंकराचार्य के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जिला प्रशासन की चेतावनी के बाद बुधवार शाम को परिसर छोड़ा। बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को नोटिस जारी होने के 24 घंटे बाद उनका नामांकन रद होने तक तेज बहादुर, उनके सर्मथकों तथा समाजवादी पार्टी के नेताओं की निगाहें चुनाव आयोग के आने वाले फैसले पर टिकी रहीं। रायफल क्लब के बाहर सपा समर्थक जुटे रहे।
दोपहर तक घटनाक्रम बदलता रहा और सस्पेंस बढ़ता गया। तीन बजे चुनाव आयोग का आदेश आने से पहले तेज बहादुर को उम्मीद थी कि उन्हें हरी झंडी मिल जाएगी लेकिन देर होने की वजह से वह खुद आशंकित थे और भाजपा पर उन्हें चुनाव मैदान से हटाने के लिए पूरा जोर लगाने का आरोप लगाया। लगभग एक बजे तेज बहादुर ने बताया कि बीएसएफ मुख्यालय से पत्र चुनाव आयोग को भेज दिया गया है। उम्मीद है कि अब उनका नामांकन मंजूर कर लिया जाए। डेढ़ बजे वह अपने वकील के साथ निर्वाचन कार्यालय में दाखिल हुए। आधे घंटे बाद प्रेक्षक भी पहुंच गए। दो बजने तक में खबर फैलने लगी कि उनका नामांकन रद हो गया है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। मामला गर्माता देख पुलिस बल भी सतर्क हो गया। तेज बहादुर के समर्थक नारे लगाने लगे। कुछ लोग हाथ में जूता लेकर विरोध स्वरूप दिखाने लगे। कुछ मिनट बाद तेज बहादुर को सपा नेता साथ लेकर परिसर से निकल गए।
यूपी समेत नौ राज्य के प्रत्याशियों का पर्चा वैध : बनारस के चुनावी महासमर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों नौ राज्यों के 31 उम्मीदवार फिलहाल मैदान में हैं। वाराणसी से सर्वाधिक आठ लोगों ने नामांकन किया है। राज्यों की बात करें तो केरल से एक, गुजरात से दो, बिहार से दो, छत्तीसगढ़ से एक, महाराष्ट्र से एक, आंध्र प्रदेश एक, तेलांगना से एक व उत्तराखंड से एक प्रत्याशी का नामांकन पत्र वैध मिला। यूपी के वाराणसी से आठ, प्रयागराज से दो, गोंडा से एक, मऊ से एक, कन्नौज से एक, बरेली से एक, अयोध्या से एक, सिद्धार्थनगर से एक, कानपुर नगर से एक, लखनऊ व जौनपुर से एक-एक कुल 31 लोगों के नामांकन पत्र वैध हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने आरोपों को नकारा : तेज बहादुर व सपा के आरोपों को नकारते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया 'यदि केंद्रीय या राज्य सरकार का कोई कर्मचारी-अधिकारी किन्हीं कारणों से सेवा से बर्खास्त किया जाता है और वह इसके बाद पांच साल के भीतर चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे केंद्रीय चुनाव आयोग से एनओसी लाना अनिवार्य है। इसका उल्लेख सेक्शन नाइन डिसक्वालीफिकेशन रिप्रेजेंटेशन आफ पीपल एक्ट में है। तेज बहादुर ने ऐसा नहीं किया।' बुधवार को मिली शिकायतों व लंबी सुनवाई के बाद पर्याप्त आधार पर पर्चा खारिज किया गया है।