Move to Jagran APP

तेलंगाना में अचानक बनी उम्मीद देख राहुल गांधी ने गठबंधन पर लगाई मुहर

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के तेलंगाना दौरे के बाद कांग्रेस की अगुआई में चार दलों के विपक्षी गठबंधन के चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर दी जाएगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 06:40 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 06:54 PM (IST)
तेलंगाना में अचानक बनी उम्मीद देख राहुल गांधी ने गठबंधन पर लगाई मुहर
तेलंगाना में अचानक बनी उम्मीद देख राहुल गांधी ने गठबंधन पर लगाई मुहर

संजय मिश्र, नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनाव में शामिल तेलंगाना विधानसभा चुनाव में उलटफेर की संभावना की जमीनी रिपोर्टो ने कांग्रेस को अचानक सुखद हैरत में डाल दिया है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की सरकार के खिलाफ बढ़ रही सत्ता विरोधी भावना में अपने लिये मौका देख सक्रिय हुई कांग्रेस ने इसी रणनीति के तहत तेलगूदेशम सहित दूसरी छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन करना लगभग तय कर लिया है।

loksabha election banner

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के शनिवार को हो रहे तेलंगाना दौरे के बाद टीआरएस के खिलाफ कांग्रेस की अगुआई में चार दलों के विपक्षी गठबंधन के चुनाव मैदान में उतरने की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।

कांग्रेस सूत्रों ने तेलंगाना में टीडीपी के अलावा सीपीआई और तेलंगाना जन समिति के बीच गठबंधन को लेकर सैद्धांतिक सहमति बन जाने की पुष्टि की। साथ ही कहा कि राहुल की यात्रा के बाद सीटों की संख्या को लेकर भी अंतिम फैसला हो जाएगा।

राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह कांग्रेस ने तेलंगाना के बदलते चुनावी समीकरण को देखते हुए अकेले मैदान में उतरने का जोखिम लेने के बजाय छोटे दलों के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है। हालांकि सीटों की संख्या को लेकर टीडीपी और सीपीआई के साथ कांग्रेस की रस्साकशी चल रही थी। मगर आंधप्रदेश के मुख्यमंत्री टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने अपनी तेलंगाना इकाई को लचीला रुख अपनाने की सलाह देकर गठबंधन की बाधा को दूर कर दिया है।

भाजपा-एनडीए के खिलाफ अपनी व्यापक सियासी लड़ाई के लिए नायडू को तेलंगाना में कांग्रेस का जूनियर पार्टनर बनने से कोई परहेज नहीं है।

तेलंगाना में सत्ता परिवर्तन को लेकर कांग्रेस की बढ़ी उम्मीदों का ही संकेत है कि अब तक मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ में बीते महीने भर से लगातार सक्रिय राहुल गांधी ने अब तेलंगाना के दौरे भी शुरू करने का फैसला किया है। राहुल विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद शनिवार को पहली बार तेलंगाना जा रहे हैं और दौरे में वे चार पार्टियों के गठबंधन की मजबूत दावेदारी का संदेश देने की कोशिश करेंगे।

तेलंगाना में उम्मीदवारों के चयन के लिए गठित कांग्रेस स्क्रीनिंग कमिटी के प्रमुख भक्तचरण दास के अनुसार कांग्रेस का टिकट हासिल करने को लेकर जिस तरह की उत्सुकता और उत्साह है वह जमीन पर बदलती राजनीति की हवा का साफ संकेत है।

तेलंगाना की चुनावी सियासत का जमीनी आकलन कर रही संस्था सुधाकर राव फाउंडेशन के प्रमुख अशुंमान राव ने भी भी दास के आकलन से सहमति जताई। उनका कहना था कि फाउंडेशन ने सूबे का जो जमीनी आकलन किया है उसके अनुसार विधानसभा भंग होने से पहले की एकतरफा सियासी हवा बदल चुकी है।

चुनाव के ऐलान के बाद केसीआर के भय और प्रशासनिक डर से कुछ नहीं बोलने वाले अब काफी मुखर हो गये हैं। उनका यह भी आकलन है कि केसीआर ने विधानसभा भंग करने के दिन ही सभी मौजूदा विधायकों समेत 105 उम्मीदवारों का ऐलान कर भी टीआरएस में असंतोष का पिटारा खोल दिया है।

टिकट नहीं मिलने से टीआरएस में विद्रोह की स्थिति है और रोजाना उसके तमाम नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। राव के मुताबिक केसीआर की पीएम मोदी से निकटता का संदेश भी टीआरएस के अल्पसंख्यक वोट बैंक के आधार को भी कमजोर कर रहा है और इसका फायदा कांग्रेस के प्रस्तावित गठबंधन को मिलने के आसार हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.