2014 में इस सीट को जीतने में छूटे थे कांग्रेस के पसीने, इस बार बढ़ी टीआरएस की मुश्किलें
तेलंगाना चुनाव में साल 2014 में जहीराबाद (एससी) सीट का रिजल्ट बहुत दिलचस्प और रोचक रहा।इस बार कांग्रेस और टीआरएस के बीच जोरदार टक्कर होने वाली है।
नई दिल्ली, जेएनएन। तेलंगाना में अगले विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है। दिसंबर महीने में तेलंगाना विधानसभा के लिए वोट डाले जाएंगे। राज्य का चुनावी इतिहास बहुत दिलचस्प रहा है और इसके नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं।
चुनाव परिणाम की बात करें, तो साल 2014 में जहीराबाद (एससी) सीट का रिजल्ट बहुत दिलचस्प और रोचक रहा। इस सीट पर कांग्रेस की डॉ. जेपी गीता मात्र 842 वोटों से जीत पाई थीं। उन्हें 57,558 वोट मिले, जबकि टीआरएस के के. माणिक राव को 56,716 वोट मिले। तीसरे स्थान पर टीडीपी के वाई. नरोत्तम रहे। उन्हें 39057 वोट मिले। चौथे स्थान पर वाईएसआरसीपी के नल्ला सूर्य प्रकाश रहे, जिन्हें 4551 वोट मिले।
2014 में इस सीट पर कुल 71 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि इस सीट कुल मतदाताओं की संख्या 2,33,789 थी। इनमें 1,19,590 पुरुष मतदाता और 1,14,192 महिला मतदाता थीं। मौजूदा परिस्थितियों में देखें तो इस सीट पर टीआरएस के लिए मुकाबला काफी मुश्किल हो गया है। कांग्रेस और टीडीपी के गठबंधन के बाद टीआरएस को अपना पूरा दमखम लगाना होगा, वरना समीकरण महागठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में दिख रहे हैं।
बता दें कि केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति को मात देने के लिए इस बार विपक्षी कांग्रेस ने चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम औक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से गठबंधन किया है। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के 35 सालों के इतिहास में यह पहला मौका है, जब वह किसी राज्य में कांग्रेस के साथ हाथ मिला रही है।
सियासी समीकरण
2014 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 119 सीटों में से केसीआर की पार्टी टीआरएस को 90 सीटें मिली थी।जबकि कांग्रेस को 13, ओवैसी की पार्टी AIMIM को 7, भाजपा को 5, टीडीपी को 3 और सीपीआईएम को 1 सीट मिली थी। इन बार भी इन्हीं पार्टियों के बीच मुकाबला है।