तेलुगु देशम पार्टी टीडीपी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सक्रिय राजनीतिक दल है। इस समय आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में इसकी सरकार है। नायडू के ससुर एन टी रामा राव और एन भास्कर राव ने 29 मार्च 1982 को पार्टी की स्थापना की थी। पार्टी के गठन के महज 9 महीने बाद 1983 में ही एन टी रामा राव संयुक्त आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे। 1984 से 1989 के बीच टीडीपी के रूप में पहली दफा कोई क्षेत्रीय दल लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल बना था। कांग्रेस के एकछत्र प्रभाव के खिलाफ इस दल का आंध्रप्रदेश में गठन हुआ था। आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा सीटें हैं। इस समय लोकसभा में पार्टी के 16 सदस्य , राज्य सभा में 6 सदस्य और राज्य विधानसभा में 103 सदस्य हैं।
राम मोहन नायडू किन्जरापु
श्रीकाकुलम
अशोक गजपति राजू
विजयानगरम
के श्रीनिवास
विजयवाड़ा
रायपति संभाशिव राव
नरसाराओपेट
मुत्तमसेट्टी श्रीनिवास राव
अनाकापल्ली
जे सी दिवाकर रेड्डी
अनन्तपुर
पांडुला रविन्द्र बाबू
अमलापुरम
नारामल्ली शिवप्रसाद
चित्तूर
मगनती वेंकटेश्वर राव
इलुरू
के नारायण राव
मछलीपट्टनम
सीएच माला रेड्डी
मल्काजगिरि
जयदेव गाल्ला
गुंटूर
श्रीराम मलयाद्रि
बापतला
थोटा नरसिम्हन
काकीनाडा
क्रिस्टप्पा निम्माला
हिन्दुपुर
मुरली मोहन
राजमुंदरी
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
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