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तमिलनाडु में जेपी नड्डा ने कहा, डीएमके और कांग्रेस जाने जाते हैं 2-जी, 3-जी, 4-जी और जीजा जी के लिए

तमिलनाडु के इरोड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि डीएमके और कांग्रेस लोकतंत्र में भरोसा नहीं करते हैं। वे वंशवाद और परिवारवाद की राजनीति में भरोसा करते हैं। वे भ्रष्टाचार में भरोसा करते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 04:47 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 04:47 PM (IST)
तमिलनाडु में जेपी नड्डा ने कहा,  डीएमके और कांग्रेस जाने जाते हैं 2-जी, 3-जी, 4-जी और जीजा जी के लिए
तमिलनाडु के इरोड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा

 चेन्‍नई, एएनआइ। तमिलनाडु के इरोड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि डीएमके और कांग्रेस लोकतंत्र में भरोसा नहीं करते हैं। वे वंशवाद और परिवारवाद की राजनीति में भरोसा करते हैं। वे भ्रष्टाचार में भरोसा करते हैं। डीएमके और कांग्रेस 2-जी, 3-जी, 4-जी और जीजा जी के लिए जाने जाते हैं। 2-जी का मतलब मारन परिवार की दो पीढ़ी का भ्रष्टाचार, 3-जी का मतलब स्टालिन परिवार का तीन पीढ़ी का भ्रष्टाचार, 4-जी का मतलब कांग्रेस-गांधी परिवार का 4 पीढ़ी का भ्रष्टाचार है।

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उन्‍होंने कहा कि तमिल सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है। यहां की संस्कृति बहुत समृद्ध है। पीएम ने तमिल को अतर्राष्ट्रीय स्तर पर गर्व की भाषा बनाया। हमारे विरोधी तमिलनाडु को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

जेपी नड्डा ने कहा कि 13वें वित्त आयोग में तमिलनाडु को केवल 94,000 करोड़ रुपये मिले लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 14वां वित्त आयोग आया तो तमिलनाडु को 5,42000 करोड़ रुपये दिए गए। यह 4.5 गुना था। राज्य को देश मे सबसे ज्यादा 11 मेडिकल कॉलेज दिए गए। 

उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस मानसिक दिवालिया, अवसरवादी पार्टी बन गई है। केरल में सीपीएम (CPM) के खिलाफ लड़ रही है और बंगाल में उनसे हाथ मिलाकर भाजपा के खिलाफ लड़ रही है। केरल में उनका मुस्लिम लीग और असम में बदरुद्दीन के साथ गठबंधन है और वे हमें सांप्रदायिक पार्टी कहते हैं। 

तमिलनाडु के कराईकुड़ी  में भाजपा अध्‍यक्ष ने कहा कि डीएमके और कांग्रेस नेताओं का दलितों, महिलाओं और अम्मा  के खिलाफ गंदी भाषा का इस्तेमाल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। वे सत्ता से बाहर हैं और ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। सवाल है कि वे सत्ता में आ गए तो दलितों और महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करेंगे?


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