राजस्थान में भाजपा ने इस बार 200 में से 180 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया
राजस्थान में भाजपा ने इस बार 200 में से 180 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है। वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा में कुछ जगह इसका असर नजर भी आया।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में 2013 के चुनाव में भाजपा ने 200 में से 163 सीटें हासिल कीं और कई सीटों पर तो तीस से चालीस हजार तक जीत का अंतर था, लेकिन इन 200 में से ही 14 सीटें ऐसी थीं जहां भाजपा पांच हजार से भी वोटों के अंतर से जीती। वहीं 11 सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा बहुत कम अंतर से हारी। अब राजस्थान भाजपा ने इन सीटों के लिए विशेष रणनीति बनाकर काम करना शुरू किया है।
राज्य में भाजपा ने इस बार 200 में से 180 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है। मुख्यमत्री वसुंधरा राजे की जोधपुर संभाग की गौरव यात्रा में कुछ जगह इसका असर नजर भी आया। ऐसे में पार्टी अब एक-एक सीट पर फोकस कर रही है और ज्यादा जोर उन सीटों पर दिया जा रहा है जो पिछले चुनाव में बड़ी लहर के बावजूद पार्टी के लिए कमजोर कड़ी साबित हुई।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसी सीटों को खंगाला जा रहा है जहां जीत-हार का अंतर पांच हजार से कम वोटों का रहा है, क्योंकि यह माना गया है कि लहर के बावजूद ये सीटें पार्टी के लिए कमजोर साबित हुई तो इस बार तो पहले के मुकाबले स्थितियां कठिन हैं। ऐसे में इन सीटों पर दूसरी पार्टियां भी जोर आजमाएंगी। बताया जा रहा है कि इन सीटों पर प्रचार और संगठन की मजबूती के अलावा प्रत्याशी बदलने जैसी रणनीति तक पर काम किया जा रहा है।
इन सीटों पर हो रहा है विशेष काम
पिछले चुनाव में लालासोट, सिकराय, आमेर, कोलायत, लूणकरणसर, सादुलपुर, फतेहपुर, दांतरामगढ़, झाडोल, जहाजपुर तथा धौलपुर के बाड़ी में पार्टी की हार का अंतर 329 से 4200 वोटों के बीच रहा। ये सीटें जयपुर, दौसा, सीकर, चुरू, बीकानेर, उदयपुर, धौलपुर आदि जिलों में हैं और इन सभी जिलों में इस बार भाजपा बहुत अच्छी स्थिति में नजर नहीं आ रही है।
इसी तरह 14 सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा ने लहर के बावजूद पांच हजार से भी कम वोटों से जीत हासिल की। इनमें सागवाड़ा, कुशलगढ़, सादुलशहर, श्रीकरणपुर, आदर्श नगर, शाहपुरा, थानागाजी, रामगढ़, कामां, मसूदा, जैसलमेर, गोगुंदा, निम्बाहेड़ा और डूंगरपुर है।
इन सीटों पर भाजपा की जीत का अंतर 700 से लेकर तीन हजार वोटों के बीच रहा, जबकि इनमें से छह सीटे उदयपुर संभाग की है जहां भाजपा ने पिछले चुनाव में 28 में से 25 सीटें जीती थीं। इसके अलावा अलवर, जयपुर की सीटें भी हैं जो भाजपा के गढ़ माने जाते हैं। इन सीटों पर लहर के बावजूद कम अंतर की जीत को इस बार पार्टी में काफी गंभीरता से लिया जा रहा है।