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राजस्थान में चुनाव से पहले साढ़े छह हजार कांस्टेबल को एक साथ प्रोन्नति, कांग्रेस को आपत्ति

कांग्रेस ने वसुंधरा राजे पर इस आयोजन के लिए सरकारी मशीनरी और पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 06:49 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 06:49 PM (IST)
राजस्थान में चुनाव से पहले साढ़े छह हजार कांस्टेबल को एक साथ प्रोन्नति, कांग्रेस को आपत्ति
राजस्थान में चुनाव से पहले साढ़े छह हजार कांस्टेबल को एक साथ प्रोन्नति, कांग्रेस को आपत्ति

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने बुधवार को साढ़े छह हजार पुलिस कांस्टेबलों को एक साथ हेड कांस्टेबल बना दिया। इसके लिए न तो किसी परीक्षा का आयोजन किया गया न ही साक्षात्कार लिया गया। 18 साल की नौकरी पूरी करने वाले साढ़े छह हजार कांस्टेबलों को हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत कर दिया गया। राज्य के इतिहास में पहली बार पुलिसकर्मियों के लिए पदोन्नति समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह को पहले पुलिस लाभार्थी सम्मेलन नाम दिया गया था, लेकिन हाइकोर्ट के कड़े रुख और कांग्रेस की आपत्ति के बाद नाम बदलकर पद्दोन्नति समारोह रखा गया।

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मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर के पुलिस अकादमी परिसर में कांस्टेबलों को हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत करने का फीता लगाया और सभी को बधाई दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों को अपने परिवार का हिस्सा बताते हुए इशारों ही इशारों में वोट भी मांग लिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने साढ़े चार साल में पुलिसकर्मियों का पूरा ध्यान रखा है। पुलिस को अत्याधुनिक बनाया गया है। समय-समय पर पुलिसकर्मियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी की गई। आगामी दिनों में पुलिस में सभी पदों पर पदोन्नति करने की भी मुख्यमंत्री ने घोषणा की।

परिवार के साथ पहुंचे कांस्टेबल

समारोह में प्रोन्नति पाने वाले कांस्टेबल अपने परिवार के साथ समारोह स्थल पर पहुंचे। पुलिस मुख्यालय से पिछले सप्ताह ही सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए थे कि पदोन्नत होने वाले कांस्टेबलों को अपने परिवार को साथ लाने के लिए पाबंद किया जाए। कांस्टेबलों और उनके परिजनों को विभिन्न शहरों और कस्बों से सरकारी बसों में समारोह स्थल तक लाया गया। सभी के लिए भोजन और चाय-पानी की व्यवस्था की गई थी। ज्ञात हो, वसुंधरा सरकार ने पिछले एक माह में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों का सम्मेलन कराने के बाद शिक्षकों का सम्मेलन कराया था। बुधवार को पुलिस कांस्टेबलों का जलसा करवा दिया।

कांग्रेस को आपत्ति, सरकारी पैसे के दुरुपयोग का लगाया आरोप

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे पर इस आयोजन के लिए सरकारी मशीनरी और पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। दोनों नेताओं का कहना है कि सरकारी पैसे से कर्मचारियों के कार्यक्रम ऐसे करवाए जा रहे हैं, जैसे कि भाजपा का कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहा हो। एक कार्यक्रम में तो राज्यपाल कल्याण सिंह तक को बुला लिया गया, जो कि राज्यपाल के पद की गरिमा के खिलाफ है।

गहलोत ने राज्य के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को पत्र लिखकर राजहित में अपने कर्तव्यों का सही पालन करने की नसीहत देते हुए कहा, अगर सरकार दबाव में कोई काम करवा रही है अथवा सरकारी कार्यक्रमों का राजनीतिकरण कर रही है तो वे अन्य अधिकारियों के साथ अवकाश पर चले जाएं। पायलट ने कहा, इस तरह के कार्यक्रमों से भाजपा को लाभ नहीं मिलने वाला है।

हाइकोर्ट ने खर्च का हिसाब मांगा

राजस्थान हाइकोर्ट ने सरकार से पुलिस कांस्टेबल पदोन्नति कार्यक्रम में हुए खर्चे का हिसाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि इस बारे में लाभार्थी और शिक्षक सम्मेलन के बाद एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें इस तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था। कोर्ट ने रोक तो नहीं लगाई, लेकिन हिसाब जरूर मांग लिया।


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