कांग्रेसी दिग्गजों के साथ शरद यादव ने भाजपा को हराने का लिया संकल्प
शरद यादव ने कहा कि भाजपा शासन में दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं।
जयपुर, जागरण संवाददाता। कौमी एकता के नाम पर रविवार को जयपुर में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ शरद यादव ने भाजपा को घेरा। शरद यादव के साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत, अविनाश पांडे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने मुस्लिम और दलित वोट बैंक को साधने का प्रयास किया। सभी नेताओं ने भाजपा पर नरफरत की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए मुस्लिम और दलित वोट बैंक को एकजुट होने का आह्वान किया। शरद यादव ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा शासन में दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं।
भाजपा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का नाम लेकर राजनीतिक रोटियां सेंकने का प्रयास कर रही है, लेकिन दलित अब भाजपा को वोट नहीं देगा। नोटबंदी ने देश में 7 करोड़ लोगों को बेरोजगार कर दिया। आज देश का संविधान और वोट का अधिकार खतरे में है, इसलिए सबको मिलकर भाजपा को हराना होगा। ईवीएम को खतरनाक बताते हुए अगर ईवीएम को लेकर भ्रम दूर नहीं किया गया तो देश में बड़ी बगावत हो सकती है। उन्होंने भाजपा पर गांधी और अम्बेडकर के नाम पर लोगों को बरगलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा महज 31 फीसदी वोट लेकर देश पर राज कर रही है,69 फीसदी लोगों ने गत लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट दिया था।
एक-एक वोट की कीमत समझने पर जोर
जयपुर के बिडला सभागार में आयोजित कौमी एकजा सम्मेलन में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि इस बार चुनाव अलग ढंग से लेना होगा। एक वोट से देश में स्व.अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिर गई थी, वहीं एक वोट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी विधानसभा का चुनाव हार गए थे। लोगों को एक-एक वोट की कीमत समझनी होगी और सबको एकजुट होकर भाजपा को हराना होगा। मोदी सरकार को घेरते हुए गहलोत ने कहा कि वर्तमान सरकार ने देश को आर्थिक मोर्चे पर बरबाद कर दिया। देश में नफरत का वातावरण बनाया जा रहा है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि एक विचारधारा के लोग हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार हर दिशा में इसकी कोशिश कर रही है। लेकर देश में इस तरह की सांप्रदायिक सोच को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। सम्मेलन में पूर्व राज्यपाल कमला, जग्गनाथ पहाड़िया, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय सहित कई नेताओं ने विचार व्यक्त किए।