पांच लाख के वोट न देने की चेतावनी के आगे झुकी राजे सरकार
वसुंधरा राजे सरकार ने करीब एक लाख कर्मचारियों को 800 करोड़ रुपये का पैकेज देने का मानस बनाया है।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार करीब पांच लाख सरकारी कर्मचारियों को राहत पैकेज देकर खुश करेगी। कर्मचारी संगठनों द्वारा विधानसभा चुनाव में भाजपा का विरोध करने की चेतावनी देने के बाद हरकत में आई वसुंधरा राजे सरकार ने करीब एक लाख कर्मचारियों को 800 करोड़ रुपये का पैकेज देने का मानस बनाया है। वहीं, करीब चार लाख शिक्षकों के लिए स्कूल के समय में बढ़ोतरी का आदेश वापस लेने की योजना बनाई है। इस पैकेज की घोषणा अगले एक-दो दिन में हो जाएगी।
अब तक आंदोलनरत कर्मचारियों को नजरअंदाज कर रही वसुंधरा सरकार को दो दिन पहले गुप्तचर एजेंसियों ने रिपोर्ट दी कि यदि कर्मचारियों की नाराजगी इसी तरह चलती रही तो विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कर्मचारियों ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने की चेतावनी दी थी। भाजपा विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों और संघ के स्वयंसेवकों ने भी इसी तरह का फीडबैक सरकार तक पहुंचाया तो सरकार ने अब राहत पैकेज देने की योजना बनाई है। राहत पैकेज की औपचारिक घोषणा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अगले एक-दो दिन में कर देंगी।
ये राहत पैकेज देने की योजना बना रही सरकार
मंत्रालयिक कर्मचारियों का ग्रेड पे 2800 से सीधा 4200 किया जाएगा। पूर्व में जारी किए गए वेतन में कटौती के आदेश को निरस्त कर कर्मचारियों के वेतन से कटा पैसा उनके खातों में जमा कराया जाएगा। करीब 17,000 रोडवेज कर्मचारियों को अंतरिम राहत देने की योजना सरकार ने तैयार की है। इसके तहत प्रत्येक कर्मचारी के वेतन में 400 से 500 रुपये की बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही घाटे में चल रही रोडवेज के सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान तुरंत करने के आदेश जारी होंगे। रोडवेज का घाटा कम करने के लिए सरकार आर्थिक मदद करेगी। सरकारी स्कूलों का समय बढ़ाने के कारण पिछले एक साल से सरकार से नाराज चल रहे चार लाख शिक्षकों को खुश करने के लिए सरकार समय में कमी करेगी। विभिन्न विभागों में ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को नहीं हटाने का आश्वासन देने के साथ ही प्रत्येक एक साल में मानदेय बढ़ाने का आश्वासन भी दिया जा सकता है।
मंत्रियों की कमेटी के साथ कर्मचारी नेताओं की वार्ता
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से हड़ताल कर रहे रोडवेज, मंत्रालयिक, पंचायतीराज एवं अन्य कर्मचारियों से वार्ता करने के लिए गठित उच्चस्तरीय मंत्री समूह की पहली बैठक गुरुवार को शासन सचिवालय में हुई। मंत्री राजपाल सिंह शेखावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्री रामप्रताप, युनूस खान व बाबूलाल वर्मा शामिल हुए। वहीं, विभिन्न कर्मचारी संगठनों के नेता मनोज सक्सेना, महेन्द्र सिंह, संतोष विजय ने अपना पक्ष रखा। जानकारी के अनुसार, मंत्रियों और कर्मचारी नेताओं के बीच हुई वार्ता में कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है। हालांकि, यह बैठक मात्र औपचारिकता है, क्योंकि सरकार ने कर्मचारियों को दिए जाने वाले परिलाभ को लेकर योजना बना ली है। उल्लेखनीय है कि कर्मचारियों ने शनिवार को अजमेर में होने वाली पीएम की सभा में मांगपत्र देने की घोषणा की थी, इसके बाद सरकार ने आंदोलन शीघ्र समाप्त कराने को लेकर प्रयास तेज किए।
करीब 11 हजार कर्मचारियों ने मंत्री को सौंपे इस्तीफे
अपनी मांगों को लेकर पिछले 20 दिन से आंदोलन कर रहे पंचायती राज विभाग के 10,950 कर्मचारियों ने पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ को सामूहिक इस्तीफे सौंपे हैं। इस्तीफे मिलने के बाद राठौड़ ने कहा कि इन इस्तीफों को मुख्य सचिव को भिजवा दिया गया है।
सचिन पायलट पहुंचे कर्मचारियों के बीच
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट गुरुवार को मंत्रालयिक कर्मचारियों और रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन स्थल पर पहुंचे और आश्वासन दिया कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा। पायलट ने सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाया।