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वसुंधरा भी गहलोत की राह पर, सरकारी खजाने से लोगों को खुश करने की जुगत

वसुंधरा राजे सरकार ने अब जाति कार्ड खेलते हुए जातियों और समाजों के नाम पर भवन बनवाने का फैसला किया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 02:33 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 04:48 PM (IST)
वसुंधरा भी गहलोत की राह पर, सरकारी खजाने से लोगों को खुश करने की जुगत
वसुंधरा भी गहलोत की राह पर, सरकारी खजाने से लोगों को खुश करने की जुगत

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मतदाताओं को खुश करने के लिए वसुंधरा राजे सरकार पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के नक्शे कदम पर चलने लगी है। सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटी सीएम वसुंधरा राजे लोगों को उनकी जरूरतों के मुताबिक खुश करने में जुटी है।

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उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर लोगों को फायदा देने के साथ ही जातिगत संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं को भी जमीन बांटकर वोट बैंक पक्का करने का प्रयास किया है। सत्ता में वापसी के लिए इसी तरह का प्रयास साल, 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने किया था। गहलोत ने लोगों को सीधा लाभ देने के लिए सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च किए।

हालांकि चुनाव में कांग्रेस को मात्र 21 विधानसभा सीटें मिली और भाजपा ने 163 सीटें हासिल की थी। वसुंधरा राजे सरकार ने अब जाति कार्ड खेलते हुए जातियों और समाजों के नाम पर भवन बनवाने का फैसला किया है। इसके लिए नि:शुल्क जमीन देने के साथ ही भवन निर्माण का 80 फीसद पैसा राज्य सरकार वहन करेगी और 20 फीसद पैसा समाज या जाति को करना होगा।

इसके साथ ही मंत्रियों और विधायकों को निर्देश दिए गए है कि यदि किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से लाभ पहुंचाना है तो उसे मुख्यमंत्री राहत कोष या जिला कलेक्टर कोष के माध्यम से आर्थिक सहायता पहुंचाई जा सकती है। इसके लिए वे अपनी सिफारिश मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज सकते हैं।

अनौपचािरक रूप से जारी किए गए इस निर्देश में सहायता उन्ही लोगों को देने के लिए कहा गया है, जिनसे राजनीतिक लाभ मिल सके। दो दिन पहले ही भामाशाह कार्ड धारकों को मोबाइल फोन व डाटा कार्ड वितरित करने की योजना बनाई गई है।

वसुंधरा सरकार की योजनाएं
वसुंधरा सरकार ने लोगों को लुभाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, इनमें से अधिकांश योजनाएं चुनावी साल में घोषित की गई हैं। इन योजनाओं में उपहार योजना, ट्रांसपोर्ट बाउचर योजना, आम आदमी बीमा योजना, भामाशाह योजना, स्मार्ट सिटी योजना, सरस सुरक्षा कवच योजना, किस्मत योजना, मुख्यमंत्री राजश्री योजना, श़ुभ शक्ति योजना, मुख्यमंत्री जनजाति जलधरा योजना, नि:शुल्क दवा योजना, नि:शुल्क इलाज योजना, देवनारायण गुरुकुल योजना, अकृषि उधम योजना, अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना, नि:शुल्क कोचिंग योजना, साइकिल विरण योजना, स्कुटी वितरण योजना, सामाजिक सुरक्षा योजना, एम्नेस्टी योजना, आपणां टाबर योजना, उद्योग रत्न प्रोत्साहन योजना, जल संग्रहण योजना, स्वदेश दर्शन योजना, तीर्थयात्रा योजना, सीएम आवास योजना, दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्गजन योजना, सीएम विद्यादान कोष शामिल है।

अशोक गहलोत सरकार की योजनाएं
तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने जो प्रमुख योजनाएं घोषित की थी उनमें नि:शुल्क दवा योजना, नि:शुल्क जांच योजना, आवास योजना, जज्चा-बच्चा योजना, सार्वजनिक सेवा गारंटी योजना, बीपीएल सुरक्षा योजना, लैपटॉप वितरण योजना, विधवा पेंशन योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना, वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योत्रा योजना शामिल है। चुनाव से कुछ माह पहले घोषित की गई इन योजनाओं की सत्ता में आते ही वसुंधरा सरकार ने समीक्षा की। इनमें से कई योजनाओं को तो बंद किया गया और कुछ योजनाओं को नए कलेवर में लांच किया।


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