आचार संहिता का नहीं किया उल्लंघन, रिटर्निंग आॅफिसर के नोटिस पर देवनानी ने दिया जवाब
जिले में हुए विकास कार्यों को आम जनता तक पहुंचाना किसी भी प्रकार से आचार संहिता के उल्लंघन व प्रचार सामग्री की श्रेणी में नहीं आता है।
अजमेर, (जेएनएन)। जिले में हुए विकास कार्यों को आम जनता तक पहुंचाना किसी भी प्रकार से आचार संहिता के उल्लंघन व प्रचार सामग्री की श्रेणी में नहीं आता है। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार भाजपा प्रत्याशी एवं शिक्षा एवं पंचायती राज्यमंत्री रहे वासुदेव देवनानी ने उत्तर विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग आॅफिसर व एडीएम सिटी द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी दिए गए नोटिस के जवाब में यह बात कही है।
देवनानी ने जवाब में कहा है कि आम जनता को विकास कार्यों की जानकारी देने संबंधी पेम्पलेट में विकास कार्यों के चित्र प्रकाशित किए गए हैं। इसमें जिला कलक्टर की फोटो प्रदर्शित होने मात्र से किसी भी प्रकार से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होता है।
जवाब में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने पेम्पलेट में जिन विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए आचार संहिता का उल्लंघन होना बताया है, वह मिथ्या है। जवाब में कहा गया है कि उन्होंने आचार संहिता का किसी भी प्रकार से उल्लंघन नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस विधि व मानवाधिकार विभाग के प्रदेश महासचिव विवेक पाराशर ने पिछले दिनों रिटर्निंग आॅफिसर को शिकायत देकर देवनानी पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की थी।
नियमों की पालना की - देवनानी ने अपने जवाब में कहा है कि जिस पेम्पलेट को आधार बना कर शिकायत की गई है, उसके मुद्रण व प्रकाशन में विधि अनुसार अपेक्षित पालना की गई है। पेम्पलेट में निर्वाचन संबंधी कोई अपील या निवेदन नहीं किया गया है। ना ही किसी पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने के संबंध में अपील की गई है।
पहले भी की बेजा शिकायत - देवनानी ने जवाब में कहा है कि पाराशर उनसे व्यक्तिगत द्वेष भावना रखते हैं। कुछ दिन पूर्व पाराशर ने अन्य लोगों के साथ उनके विरुद्ध भाजपा मीडिया सेन्टर पर धरना-प्रदर्शन व शांति भंग करने का प्रयास किया था। इस कृत्य के खिलाफ शहर भाजपा ने शिकायत दर्ज कराई। जिस पर पाराशर व अन्य के विरुद्ध एडीएम सिटी के द्वारा धारा 151 के तहत कार्यवाही संस्थित की गई।
पाराशर के खिलाफ हो कार्यवाही - देवनानी ने जवाब में कहा है कि पाराशर द्वारा द्वेष भावना के चलते मिथ्या आधारों पर उनके खिलाफ शिकायत दी है। जवाब में आचार संहिता उल्लंघन की झूठी शिकायत देने पर पाराशर के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की गई है।