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Rajasthan Chunav 2018: जो समस्याएं मुद्दा बनीं, उन पर सरकार को मिले सबसे ज्यादा अंक

Rajasthan Chunav 2018: राजस्थान में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) के सर्वे में दिलचस्प निष्कर्ष निकला है। पढ़िए खास बातें -

By Arvind DubeyEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 10:15 PM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 06:53 AM (IST)
Rajasthan Chunav 2018: जो समस्याएं मुद्दा बनीं, उन पर सरकार को मिले सबसे ज्यादा अंक
Rajasthan Chunav 2018: जो समस्याएं मुद्दा बनीं, उन पर सरकार को मिले सबसे ज्यादा अंक

मनीष गोधा. जयपुर। राजस्थान में किसानों को बिजली, कर्ज, खाद की उपलब्धता और फसल की अच्छी कीमत नहीं मिलना लंबे समय से मुद्दा बना हुआ है, लेकिन एक सर्वे में इन्हीं विषयों पर प्रदेश की ग्रामीण जनता ने राजस्थान सरकार का काम सबसे अच्छा बताया है। यह सर्वे पूरे देश में चुनाव के दौरान प्रत्याशियों की संपत्ति और आपराधिक रिकॉर्ड का विश्लेषण करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) व इलेक्शन वॉच ने किया है।

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एडीआर के प्रमुख अनिल वर्मा ने जयपुर में दो दिन पहले राजस्थान में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की संपत्ति व आपराधिक रिकॉर्ड के विश्लेषण के साथ ही यह रिपोर्ट भी जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार यह सर्वे राजस्थान में अगस्त 2018 से नवंबर 2018 के बीच किया गया था। हर विधानसभा क्षेत्र के 500-550 लोगों के बीच यह सर्वे हुआ है। सर्वे में शामिल लोगों में 72 प्रतिशत ग्रामीण और 28 प्रतिशत शहरी मतदाता थे।

सर्वे में मतदाताओं की नजर में प्रमुख मुद्दे और सरकार के कामकाज के साथ ही इस बात का आकलन करने का प्रयास भी किया गया है कि वे वोट देने का निर्णय किस आधार पर करते हैं। सर्वे में कुछ बेहद रोचक परिणाम निकल कर सामने आए हैं। वर्मा का कहना है कि सर्वे में हमने वही दिखाया है जो लोगों को दी गई प्रश्नवाली में सामने आया है।

गौरतलब है कि राजस्थान में पिछले डेढ़ वर्ष से किसान आंदोलन चल रहे हैं और किसान उपज की सही कीमत दिए जाने, फसली ऋण तथा अन्य कृषि आदान आदि समय पर उपलब्ध कराने और किसानों की कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं। सर्वे में भी इन्हें बड़ा मुद्दा माना गया है लेकिन इन पर सरकार के कामकाज के मामले में सर्वे के परिणाम एक अलग ही बात सामने रख रहे हैं। सर्वे में जनता से 25 मामलों में सरकार के कामकाज को पांच में से अंक देने के लिए कहा गया था। ये 25 मुद्दे शहरी और ग्रामीण मतदाताओं के लिए अलग-अलग थे।

सर्वे में मिले अंक

ग्रामीण राजस्थान

- फसली ऋण, बीज और खाद के लिए कृषि अनुदान की उपलब्धता- 4.30 अंक (5 अंक में से)

- फसल की सही कीमत- 4.23 अंक

- खेती के लिए बिजली की उपलब्धता- 4.20 अंक

- अच्छी स्वास्थ्य सेवा- 3.97

कानून व्यवस्था- 3.76

- प्रदूषण, अतिक्रमण और नौकरियों व शिक्षा में आरक्षण- 01 अंक

शहरी राजस्थान

- स्वास्थ्य सुविधा- 4.52 अंक

- कानून व्यवस्था- 3.88 अंक

- सार्वजनिक परिवहन- 3.64

- रोजगार के अवसर- 3.54 अंक

- घरेलू बिजली- 3.59 अंक

- राशन वितरण- 1.17 अंक

- अतिक्रमण - 1.29 अंक

मतदाता के लिए सबसे ज्यादा जरूरी मुख्यमंत्री का नाम

राजस्थान में भाजपा ने वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया। वहीं कांग्रेस का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करना बहुत बड़ा मुद्दा बना रहा है। पूरे प्रचार के दौरान भाजपा के हर नेता ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया और कहा कि कांग्रेस बिना सेनापति के चुनाव लड़ रही है। एडीआर के सर्वे में जब मतदाताओं से पूछा गया कि वे किस आधार पर अपने वोट का निर्णय करते हैं तो उसके परिणाम भी काफी रोचक रहे और सामने आया कि राजस्थान के मतदाता के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा सबसे ज्यादा अहमियत रखता है।

सर्वे के मुताबिक मतदाताओं का व्यवहार

- 65 प्रतिशत मतदाताओं के लिए अहमियत रखता है मुख्यमंत्री पद का चेहरा।

- 48 प्रतिशत के लिए अहमियत रखता है प्रत्याशी।

- 43 प्रतिशत के लिए अहमियत रखती है प्रत्याशी की पार्टी।

- 15 प्रतिशत के लिए अहमियत रखती है प्रत्याशी की जाति।

- 9 प्रतिशत के लिए अहमियत रखती है नकदी या शराब।


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