राजस्थानः अजमेर में भाजपा चार, कांग्रेस दो व एक सीट पर निर्दलीय की जीत
Rajasthan Assembly Election 2018. अजमेर जिले से भाजपा पांच सीटों पर, कांग्रेस दो सीटों पर तथा निर्दलीय एक सीट पर विजयी घोषित हुए हैं।
अजमेर, सन्तोष गुप्ता। राजस्थान की 15वीं विधानसभा गठन के लिए हुए चुनाव नतीजों में अजमेर जिले की आठों सीटों का परिणाम घोषित हो गया हैं। यहां से भारतीय जनता पार्टी पांच सीटों पर, कांग्रेस दो सीटों पर तथा निर्दलीय एक सीट पर विजयी घोषित हुए हैं। पिछले चुनाव नतीजों से तुलना की जाए तो भाजपा को यहां से दो सीटों का नुकसान हुआ है वहीं कांग्रेस को एक सीट पर बढ़त मिली है वहीं एक सीट पर निर्दलीय विजयी रहा है।
इस चुनाव में जहां अजमेर उत्तर से चौथी बार प्रत्याशी बनाए गए भाजपा के शिक्षा एवं पंचायती राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी तथा अजमेर दक्षिण की उम्मीदवार महिला एंव बाल विकास राज्य मंत्री अनिता भदेल, वसुंधरा सरकार में संसदीय सचिव तीर्थराज पुष्कर से भाजपा प्रत्याशी सुरेश रावत की प्रतिष्ठा दांव पर थी तो कांग्रेस की ओर से मौजूदा सांसद एवं केकड़ी से कांग्रेस प्रत्याशी डाॅ. रघु शर्मा, कांग्रेस सेवादल के प्रदेश मुख्य संगठक व मसूदा से प्रत्याशी राकेश पारीक तथा कांग्रेस के प्रदेश सचिव व अजमेर उत्तर से प्रत्याशी महेन्द्र सिंह रलावता की साख को चुनौती थी। मतदाताओं ने अजमेर उत्तर से महेन्द्रसिंह रलावता को छोड़ कर शेष सभी को ही अपने अपने क्षेत्र से भारी बहुमत से जीता कर उन्हें सम्मान बख्शा है।
अजमेर उत्तर व दक्षिण में भाजपा का जीत का चौका-
अजमेर उत्तर से वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस के महेन्द्र सिंह रलावता को आठ हजार से अधिक मतों से पराजित कर जीत का चैका लगाया है। उन्होंने यहां रिकार्ड भी कायम किया है। इससे पहले यहां लगातार तीन बार जीत का रिकार्ड कांग्रेस के किशन मोटवानी के नाम था।
अजमेर दक्षिण से भाजपा की अनिता भदेल ने भी महिला प्रत्याशी होते हुए अभूतपूर्व रिकाॅर्ड कायम किया है। भदेल राजनीति में कदम रखने के बाद से लगातार जीत का परचम फहराया है। पार्षद से लेकर मंत्री तक का सफर करते हुए भदेल एक बार अजमेर नगर पालिका की सभापति भी रहीं। उसके बाद से विधायक रहते उन्होंने एक बार पूर्व मंत्री कांग्रेस के ललित भाटी व पूर्व विधायक डाॅ राजकुमार जयपाल को हराया है। इस बार वे लगातार चैथी बार निर्वाचित हुईं हैं। भदेल ने इस बार भी कांग्रेस के हेमन्त भाटी को साढ़े पांच हजार से अधिक मतों से हराया है।
नसीराबाद सीट पर भाजपा की वापसी
नसीराबाद सीट पर भाजपा ने दमदार वापसी की है। इस सीट पर उपचुनाव में जनता ने भाजपा के प्रत्याशी रामस्वरूप लाम्बा को पराजित कर कांग्रेस के रामनारायण गुर्जर को भारी मतों से विजयी बनाया था। इस बार भाजपा के लाम्बा जनता व पिता की सहानुभूति लहर पर सवार होकर कांग्रेस को लगभग 18 हजार मतों से शिकस्त देकर भाजपा का परचम फहराने में कामयाब रहे। लाम्बा पूर्व केंद्रीय मंत्री व किसान आयोग के अध्यक्ष रहे भाजपा के कद्दावर नेता सांवरलाल जाट के पु़त्र हैं।
नाराजगी के बाद भी रावतों ने दिखाई एक जुटता
अजमेर की ब्यावर व पुष्कर विधानसभा सीट से भाजपा ने जहां रावत समुदाय पर भरोसा दर्शाते हुए अपने मौजूदा विधायकों ब्यावर से तीसरी बार शंकर सिंह रावत को तो पुष्कर से सुरेश रावत को मैदान में उतारा था। कांग्रेस ने जहां पुष्कर मुस्लिम अल्पसंख्यक पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ पर तो ब्यावर से महाजन वर्ग के पारस जैन पंच को मैदान में उतार था। टिकट वितरण के साथ ही मुस्लिम व रावत समुदाय में जबरस्त नाराजगी उभर कर सामने आई, नतीजा रहा कि रावत समाज के कई बागी ब्यावर सीट पर चुनाव मैदान खड़े हो गए। तो कांग्रेस की ओर से मुस्लिम समुदाय के अनेक उम्मीदवार पुष्कर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ उतर गए। किन्तु रावत समाज के बड़े बुर्जुगों ने आखिरी समय में सभी को एक जाजम पर बैठा कर एकजुटता में जीत की नसीहत दी। बड़े ही रोचक मुकाबले में अंत समय तक उतार चढ़ाव के बाद ब्यावर से शंकर सिंह रावत ने 2 हजार से अधिक बढ़त मतों के साथ लगातार तीसरी बार तो पुष्कर से सुरेश रावत लगातार दूसरी बार 9 हजार से अधिक मतों की लीड प्राप्त कर चुनाव मैदान मारने में सफल रहे।
किशनगढ़ पर भाजपा व कांग्रेस का अपने बागियों से था मुकाबला
भाजपा के बागी सुरेश टांक जीते
देश भर में मार्बल नगरी के नाम से जानी जाने वाली किशनगढ़ विधानसभा सीट से इस बार कांग्रेस व भाजपा के बीच आमने सामने मुकाबला ना होकर आपस में ही अपने अपनी बागियों से था। भाजपा ने यहां पूर्व विधायक भागीरथ चैधरी को दरकिनार कर नए युवा चेहरे विकास चैधरी पर दांव खेला था, जबकि भाजपा के बागी पूर्व सभापति व मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश टांक जनता की पसंद थे। इसी तरह कांग्रेस ने पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया को कांग्रेस ने नजरअंदाज कर नए उम्मीदवार नंदाराम धाकण पर भरोसा किया। सिनोदिया ने चुनाव मैदान में बागी बन कर ताल ठोक दी। सभी जाट बाहुल्य यह सीट से जाट मतदाता आपस में बंट गए और जनता की पसंद के रूप में सर्वजन हित के सुरेशटांक ने भाजपा के उम्मीदवार को 18 हजार से अधिक मतों से पराजित कर दिया। कांग्रेस के बागी उम्मीदवार सिनोदिया 22 हजार 455 वोट मिले।
केकड़ी ने जनता को नहीं भाया भाजपा का नया चेहरा-
केकड़ी विधान सभा सीट से भाजपा ने विधायक शत्रुघ्न गौतम ब्राह्मण वर्ग का टिकट काट कर इस बार वैश्य समुदाय के राजेन्द्र विनायका को ऐन वक्त पर मजबूरी में सौंपा था। जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार एवं मौजूदा सांसद डाॅ रघु शर्मा का पहले से ही चुनाव लड़ना तय था। लिहाजा रघु की चुनाव तैयारी और बूथ मैनेजमेंट के आगे भाजपा उम्मीदवार नए और चुनाव प्रबंधन में लचर साबित हुए। पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम की नाराजगी के चलते डाॅ रघु शर्मा की एक बार फिर यहां से 29 हजार 322 मतों से जीत हो गई। लिहाजा अजमेर के सांसद और विधायक अब एक ही व्यक्ति डाॅ रघु शर्मा हो गए हैं। अब कांग्रेस को अजमेर से सांसद का चुनाव लड़ाने के लिए नया चेहरा खोजना होगा।
मसूदा से हाजी को नहीं मिले मत, पारीक की हुई जीत
मसूदा विधानसभा सीट से भाजपा की महिला प्रत्याशी सुशील कंवर पलाड़ा दूसरी बार जीत दर्ज नहीं करा सकी। पिछले चुनाव में इस सीट से उन्होंने बेहद जटिल मुकाबले में जीत दर्ज कर सभी को चौका दिया था। इस बार उनके सामने कांग्रेस के राकेश पारीक थे। वहीं कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक हाजी कय्यूम खान ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी के टिकट पर ताल ठोक दी थी। माना जा रहा था कि कय्यूम खान जितने ज्यादा मत ले जाएंगे भाजपा की पलाड़ा उतनी आसानी से जीत जाएगी। उधर, राजपूत व जाटों ने नसीराबाद एवं मसूदा सीट पर मतों के आपसी समर्थन का भरोसा दर्शाया था। हाजी कय्यूम खान मात्र छह हजार के आसपास ही मत प्राप्त कर सके इसके चलते कांग्रेस के राकेश पारीक की जीत हो गई।