Move to Jagran APP

बड़े नेताओं की दल बदल की रणनीति से पुराने कार्यकर्ता और दावेदार हुए परेशान

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे दल बदल के दौर में दोनों ही पार्टियों के पुराने कार्यकर्ताओं और दावेदारों की धड़कनें बढ़ गई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 10:10 AM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 10:44 AM (IST)
बड़े नेताओं की दल बदल की रणनीति से पुराने कार्यकर्ता और दावेदार हुए परेशान
बड़े नेताओं की दल बदल की रणनीति से पुराने कार्यकर्ता और दावेदार हुए परेशान

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे दल बदल के दौर में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के पुराने कार्यकर्ताओं और दावेदारों की धड़कनें बढ़ गई हैं। भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े नेता इन दिनों पाला बदलने में लगे है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों में टिकटों के दावेदार पुराने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को खुद की टिकटों पर संकट नजर आने लगा है।

loksabha election banner

पिछले दिनों नागौर की पूर्व जिला प्रमुख बिन्दु चौधरी,जाट नेता विजय पुनिया, निर्दलीय विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा और नंदकिशोर महरिया राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए। वहीं धौलपुर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक शर्मा भाजपा में शामिल हुए। दोनों ही दलों ने दल-बदलने वाले इन नेताओं को चुनाव में टिकट का आश्वासन दिया है।

अब दोनों ही पार्टियों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को डर सता रहा है कि कहीं पैराशूट उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिल जाए। इनके अलावा सेवानिवृत्त अधिकारी एल.सी. असवाल, के. राम बागड़िया, पूर्व डीआईजी सवाई सिंह, मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष एचआर कुड़ी, अजय सिंह चित्तोड़ा, ओ.पी.यादव भी दावेदारी जता रहे है। ऐसे में बरसों से मेहनत कर रहे कांग्रेसी चिंतित है कि कहीं उनके टिकट नहीं कट जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.