सत्ता विरोधी लहर थामने को वसुंधरा राजे चुनावी मैदान में उतार सकती हैं दर्जनभर सांसद
सांसदों को विधानसभा के चुनावी समर में उतारने के पीछे सत्ता विरोधी लहर को कम करना और कांग्रेस को घेरना है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक नई रणनीति पर काम कर रही हैं। इसके तहत मुख्यमंत्री करीब दर्जनभर सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही हैं। सांसदों को विधानसभा के चुनावी समर में उतारने के पीछे सत्ता विरोधी लहर को कम करना और कांग्रेस को घेरना है। मुख्यमंत्री की रणनीति है कि चेहरों की अदला-बदली से संभावित नुकसान की भरपाई हो सकती है।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जीत के मद्देनजर कई विधायकों को सांसद का चुनाव लड़ाया था। इनमें ओम बिरला, बहादुर सिंह कोली,स्व.सांवरलाल जाट और संतोष अहलावत प्रमुख नाम थे। यह चारों विधायक बाद में सांसद बने थे और इनकी खाली हुई सीटों पर विधानसभा का उपचुनाव हुआ था। इसके पीछे कारण एक ही है कि पहले विधानसभा चुनाव जीता जाये और फिर लोकसभा। पुराने फार्मूले को नए शेप में अपनाते हुए सीएम अब लोकसभा सांसदो को विधानसभा चुनाव 2018 में आजमाने का मन बना रही है।
विधानसभा चुनावों के समर में उतर सकते हैं ये सांसद
कोटा सांसद ओम बिडला,श्रीगंगानगर सांसद निकालचंद मेघवाल,झुंझुनूं सांसद संतोष अहलावत,बाड़मेर सांसद कर्नल सोनाराम,भरतपुर सांसद बहादुर सिंह कोली,उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा,राज्यसभा सदस्य रामकुमार वर्मा और रामनारायण डूडी को विधानसभा चुनाव लड़वाने को लेकर मुख्यमंत्री ने अपने विश्वस्तों से चर्चा की है।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने एक एजेंसी से इन सांसदों को लेकर सर्वे करवाया है,जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद इन्हे विधानसभा चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री ने एक प्राइवेट एजेंसी से सर्वे करवाने के साथ ही इंटेलिजेंस एजेंसी से भी रिपोर्ट ली है। अब इस बारे में राजस्थान गौरव यात्रा का दूसरा चरण समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा करेगी।