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जानिए, राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की खासियत और कमजोरी

अब राहुल गांधी ही यह तय करेंगे कि राजस्थान में गहलोत को सीएम बनाया जाए या पायलट हो। जानिए, गहलोत और पायलट की ताकत और कमजोरी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 02:02 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 02:09 PM (IST)
जानिए, राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की खासियत और कमजोरी
जानिए, राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की खासियत और कमजोरी

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में चुनाव परिणाम के बाद सीएम पद की दावेदारी में अशोक गहलोत और सचिन पायलट प्रमुख हैं। बुधवार को जयपुर में हुई विधायक दल की बैठक में यह तय हुआ है कि कांग्रेस आलाकमान सीएम का नाम तय करेगा। अब राहुल गांधी ही यह तय करेंगे कि राजस्थान में गहलोत को सीएम बनाया जाए या पायलट हो। जानिए, गहलोत की पायलट की ताकत और कमजोरी।

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सचिन पायलट 

ताकत

- युवा चेहरा और राहुल गांधी के नजदीकी

- साढ़े चार से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष, दो लोकसभा और 4 विधानसभा उपचुनाव की जीत में अहम भूमिका रही

- लोगों को अपील करने वाला चेहरा, नई ऊर्जा का प्रतीक। बदलाव चाहने वालों के आइकॉन

- प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पिछले पांच साल में 21 से 100 सीटों तक कांग्रेस को पहुंचाया

कमजोरी

- एरोगेंट

-कार्यकर्ताओं में मजबूत आधार नहीं

- जनता के साथ ही कार्यकर्ताओं में बहुत ज्यादा पैठ नहीं

अशोक गहलोत

ताकत-

- दो बार राजस्थान का मुख्यमंत्री होने का अनुभव

- कांग्रेस के केंद्रीय संगठन में फिलहाल काफी शक्तिशाली

- कार्यकर्ताओं और जनता में जबरदस्त पैठ

- लंबा राजनीतिक अनुभव- छोटी उम्र में प्रदेशाध्यक्ष बन गए थे।

कमजोरी

बदलाव का प्रतीक नहीं बन सकतें क्योंकि राजस्थान में दशकों से सक्रिय हैं।

उम्रदराज

गुटबाजी का आरोप लगता रहा है। सचिन पायलट को भी खुलकर काम करने का मौका नहीं देने का आरोप।


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