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वसुंधरा सरकार को हाईकोर्ट का झटका, गौरव यात्रा के दौरान सरकारी कार्यक्रम पर रोक

हाईकोर्ट ने गौरव यात्रा व सरकारी कार्यक्रम साथ-साथ आयोजित नहीं करने के निर्देश दिए हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 05:50 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 07:29 PM (IST)
वसुंधरा सरकार को हाईकोर्ट का झटका, गौरव यात्रा के दौरान सरकारी कार्यक्रम पर रोक
वसुंधरा सरकार को हाईकोर्ट का झटका, गौरव यात्रा के दौरान सरकारी कार्यक्रम पर रोक

जयपुर, जेएनएन। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजस्थान में निकाली जा रही गौरव यात्रा के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट ने वसुंधरा राजे सरकार और भाजपा को तगड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने गौरव यात्रा व सरकारी कार्यक्रम साथ-साथ आयोजित नहीं करने के निर्देश दिए हैं।

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मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा में सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर दायर की गई याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस जीआर मुलचंदानी ने गौरव यात्रा के दौरान किसी भी तरह के सरकारी कार्यक्रम पर रोक लगाने के आदेश जारी किए है। अब गौरव यात्रा के दौरान होने वाली सभाओं की व्यवस्था का काम सरकारी अधिकारियों को नहीं करना होगा। यात्रा के दौरान अधिकारी अब ना तो सीएम के साथ काफिले में चल सकेंगे और ना ही सभास्थल पर मौजूद रहेंगे। गुरुवार से शुरू हो रहे गौरव यात्रा के तीसरे चरण पर हाईकोर्ट के आदेश का काफी असर होगा।

गौरव यात्रा में सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर डॉ. विभूति भूषण शर्मा व सवाई सिंह की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग व जस्टिस जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने पहले ही सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। खंडपीठ ने भाजपा से 21 अगस्त तक की यात्रा में पार्टी की तरफ से खर्च का शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए थे। इस मामले में सरकार ने अपना पक्ष रखा था। बुधवार को फैसला सुनाया गया है। यात्रा के पहले दो चरणों में सीएम सरकारी उद्धाटन और शिलान्यास के कई कार्यक्रमों में शामिल हुई थीं।

याचिकाकर्ता के वकील की दलील

याचिकाकर्ताओं के वकील माधव मित्र और जी.एस.बापना ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि यात्रा को लेकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। सरकारी अधिकारियों की यात्रा के दौरान ड्यृटी लगाई जा रही है। यात्रा को लेकर सरकारी विभाग टेंडर निकाल रहे हैं।

सरकार और भाजपा ने ये दी दलील

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एनएम लोढ़ा व अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा कि सीएम की गौरव यात्रा और सरकारी कार्यक्रम दोनों को अलग-अलग नहीं रखा जा सकता है। सीएम के प्रोटोकॉल के अनुसार प्रबंध करना सरकारी मशीनरी का दायित्व है, यात्रा पार्टी की है । सीएम यात्रा के दौरान जिन सरकारी कार्यक्रमों में जा रही है, उनका खर्च सरकार वहन कर रही है। वहीं, भाजपा के वकील एके शर्मा ने कहा था कि गौरव यात्रा पार्टी की ओर से निकाली जा रही है। यात्रा का खर्चा पार्टी वहन कर रही है।

भाजपा ने 21 अगस्त तक हुए खर्च का हिसाब देते हुए कोर्ट में बताया था कि डोम, कुर्सी,स्टेज आदि की व्यवस्था पर 41 लाख 30 हजार रुपये खर्च हुए हैं। यातायात सुविधा पर 2 लाख 32 हजार 123 रुपये, बैनर और पोस्टर आदि पर 75 हजार 224 रुपये खर्च हुए। अमित शाह की यात्रा, अन्य कार्यों और रथ पर 38 लाख 22 हजार 907 रुपये एवं विज्ञापन पर 25 लाख 99 हजार 448 रुपये और पेट्रोल-डीजल पर 1 लाख 40 हजार 240 रुपये खर्च हुए हैं।

कांग्रेस ने हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी जताई

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि कोर्ट ने न्याय किया है। दैनिक जागरण से बातचीत में पायलट ने कहा कि गौरव यात्रा पर सरकारी खर्च को लेकर कांग्रेस शुरू से ही आवाज उठा रही है। चुनाव अभियान में भाजपा सरकारी मशीनरी और धन का दुरुपयोग कर रही है, लेकिन फिर भी मतदाता कांग्रेस को ही सत्ता में लेकर आएंगे। 


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