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यदि सट्टा बाजार और एग्जिट पोल सही निकले तो किसे माना जाएगा हार का जिम्मेदार

विभिन्न एग्जिट पोल और सट्टा बाजार कांग्रेस के खाते में 110 से 140 सीटें जाती दिखा रहे है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 08:47 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 10:48 AM (IST)
यदि सट्टा बाजार और एग्जिट पोल सही निकले तो किसे माना जाएगा हार का जिम्मेदार
यदि सट्टा बाजार और एग्जिट पोल सही निकले तो किसे माना जाएगा हार का जिम्मेदार

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे, लेकिन मतदान के बाद सामने आए एग्जिट पोल सट्टा बाजार के आंकड़ों में भाजपा की सरकार से विदाई होना बताया जा रहा है।एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनना तय बताया जा रहा है। अब भाजपा में इस बात की चर्चा होने लगी है कि यदि एग्जिट पाल और सट्टा बाजार के कयास नतीजों में तब्दील होते है तो हार का जिम्मेदार किसे ठहराया जाएगा।

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सीएम और संघ से जुड़े भाजपा नेता रणनीति बनाने में जुटे

विभिन्न एग्जिट पोल और सट्टा बाजार कांग्रेस के खाते में 110 से 140 सीटें जाती दिखा रहे है। इनके मुताबिक भाजपा को 55 से 70 सीटें मिल सकती है। वहीं 2013 के चुनाव में भाजपा को 163 सीटें और कांग्रेस को मात्र 21 सीटें हासिल हुई थीं। ऐसे में भाजपा के भीतर यह चर्चा होने लगी है कि एक्जिट पोल और सट्टा बाजार के कयास अगर नतीजों में बदलते हैं तो पार्टी की हार का जिम्मेदार किसे माना जाएगा। हार की जिम्मेदारी सीएम वसुंधरा राजे की होगी या फिर संगठन की होगी।

वसुंधरा खेमा कुछ समय पहले से ही एक तर्क देने में जुटा है कि करीब एक साल से सीएम को खुलकर काम नहीं करने दिया गया। बार-बार पार्टी के नेताओं का एक वर्ग यह अफवाह फैलाने में जुटा रहा कि सीएम को हटाया जा रहा है। इस कारण माहौल खराब हुआ। आलाकमान ने भी चुनाव से ठीक पहले सीएम के नेतृत्व में ही मैदान में जाने की बात अधिकारिक रूप से कही।

सीएम खेमे का कहना है कि अगर यह बात पहले ही कह दी जाती तो हालात सुधारे जा सकते थे। संघ से जुड़े भाजपा नेता और सीएम खेमा अभी से संभावित हार की जिम्मेदारी तय करने को लेकर रणनीति बनाने में जुटे है। रणनीति बनाते समय राजपूत समाज द्वारा दिए गए नारे 'कमल का फूल, हमारी भूल' और 'मोदी से बैर नहीं वसुंधरा तेरी खैर नहीं' को भी केन्द्र में रखा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि चुनाव अभियान के दौरान पीएम मोदी ने 13 रैलियां की हैं। वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के सभी जिलों का दौरा किया। अमित शाह ने सरकार में सुनवाई नहीं होने से सुस्त बैठे कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया। सीएम वसुंधरा राजे ने भी 75 रैलियां करने के साथ ही पूरे प्रदेश में यात्रा निकाली। पार्टी के अन्य बड़े नेताओं ने कुल 222 रैलियां और 15 रोड शो किए।


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