गहलोत और पायलट दिल्ली में, राहुल गांधी के साथ होगी मंत्रिमंडल गठन पर चर्चा
राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल गठन और सरकार की भावी योजनाओं को लेकर अगले दो दिन में निर्णय होने की उम्मीद है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल गठन और सरकार की भावी योजनाओं को लेकर अगले दो दिन में निर्णय होने की उम्मीद है। मुख्यमत्री अशोक गहलोत एवं उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट गुरूवार को दिल्ली पहुंचेे। पायलट सुबह और गहलोत रात को दिल्ली पहुंचे है। गहलोत और पायलट की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात होगी।
इस मुलाकात में मंत्रिमंडल गठन और सरकार की भावी योजनाओं को लेकर फैसला होगा। दोनों नेताओं की राहुल गांधी के साथ होने वाली बैठक के बाद ही तय होगा कि मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे डॉ.सी.पी.जोशी और लालचंद कटारिया एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हरीश चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए अथवा नहीं। इसके साथ ही पहली बार निर्वाचित हुए विधायकों को मंत्री बनाने पर भी इसी बैठक में चर्चा होगी।
गहलोत और सचिन की सहमति से होगा निर्णय
जानकारी के अनुसार शनिवार को गहलोत और पायलट की राहुल गांधी से मुलाकात हो सकती है। इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे भी मौजूद रहेंगे। राज्य में सरकार बनने के साथ ही राहुल गांधी ने तय कर दिया था कि जो भी निर्णय होंगे वे गहलोत और पायलट मिलकर करेंगे। मंत्रिमंडल के गठन से लेकर राजनीतिक नियुक्तयां एवं प्रशासनिक फेरबदल आदि मामलों में भी पायलट की सलाह मानी जाएगी। सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह में मंत्रिमंडल का गठन हो सकता है ।
सचिन पायलट बोले, कांग्रेस जो कहती है वह करती है
उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा है कि हमारी सरकार ने चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किए गए वादे को बिना देरी पूरी करने का काम किया है। पायलट ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में कभी अंतर नहीं रहा और कांग्रेस जो कहती है वह करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों ने दो लाख तक की ऋण माफी पहले ही कर दी थी और अब हमारी सरकार ने भी यह कदम उठाकर अपने संकल्प को पूरा किया है।
पायलट ने कहा कि कांग्रेस की सोच सदैव गांव, गरीब और किसान को भी विकास की प्रक्रिया के साथ सतत जोड़े रखने की रही है और आज जबकि प्रदेश का किसान केंद्र की भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण पीड़ा में है, हमारी सरकार अपना दायित्व समझती है कि किसानों को एक बार राहत मिले जिससे वे नए सिरे से शुरुआत कर सके।