राजस्थानः 3 लाख 82 हजार करोड़ का कर्ज, फिर भी मुफ्त सुविधा के वादे
राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के साथ अन्य दल अपना-अपना पिटारा खोलकर मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए सात दिसंबर को मतदान होना है। इस चुनावी मौसम में लगातार घोषणाओं की बरसात हो रही है। कांग्रेस और भाजपा के साथ अन्य दल अपना-अपना पिटारा खोलकर मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं। लेकिन अब यह सवाल उठने लगा है कि राज्य पर 3 लाख 82 हजार करोड़ रुपये के कर्जभार के बावजूद सत्ता में आने वाला दल घोषणाएं कैसे पूरी करेगा। वोट लेने की जुगत में जुटे नेता युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, सरकारी नौकरी, किसानों की कर्ज माफी, मुफ्त दवा और जांच, दिल्ली की तर्ज पर पानी-बिजली की सुविधा सहित कई वादे कर रहे हैं। वादे करने वाले नेता भी हकीकत जानते हैं कि राज्य पर बढ़ते जा रहे कर्जभार के चलते इनमें से अधिकांश वादों को पूरा करना मुश्किल होगा।
किसानों और युवाओं पर विशेष जोर
कांग्रेस और भाजपा के साथ अन्य दलों का विशेष जोर किसान और युवा मतदाताओं पर है। महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने युवाओं को 3500 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने, सरकारी भर्तियों की अटकी प्रक्रिया शुरू करने, सरकारी भर्तियों के फार्म नि:शुल्क भरने, किसानों की कर्ज माफी, किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने, सरकरी अस्पतालों में फ्री दवा और जांच सुविधा, बिजली और पानी की समस्या का स्थाई समाधान करने और पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता को समाप्त करने के वादे किए हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित भाजपा नेता एक बार फिर पांच साल में 15 लाख युवाओं को नौकरी देने, किसानों की कर्ज माफी, सस्ती बिजली, फसल बीमा नीति बनाने, युवाओं को बेरोजगारी भत्ते, पूरे राज्य में एयर टैक्सी सुविधा लागू करने, फ्री दवा और जांच योजना सहित कई बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं।
उधर, आप नेता रामपाल जाट, भारत वाहिनी के अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी और निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी, सहकारी केंद्रों पर फसल खरीद, युवाओं को रोजगार, सिंचाई के लिए सस्ती बिजली के वादे कर रहे हैं।
कर्ज के बोझ के चलते कैसे करेंगे वादे पूरे, इसका जवाब देने को तैयार नहीं
3 लाख 82 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ के बावजूद वोट के लिए अधिकांश सुविधाएं फ्री देने के वादे कर रहे नेता इस बात का जवाब देने को तैयार नहीं हैं कि वे पैसा कहां से लाएंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी का कहना है कि पिछले घोषणा-पत्र को लागू करने के लिए जैसे पैसे का इंतजाम हुआ, वैसे ही अब हो जाएगा, लेकिन वादे पूरे करेंगे। हालांकि वे यह नहीं बता सके कि पैसों का इंतजाम कैसे होगा और वादे कब तक पूरे होंगे। कांग्रेस घोषणा-पत्र समिति के अध्यक्ष हरीश चौधरी ने कहा कि वसुंधरा सरकार के कुप्रबंधन के चलते राज्य कर्ज में डूब गया, अब इसे कर्ज से बाहर निकालकर वादे पूरे करेंगे। कांग्रेस प्रत्येक वादा पूरा करेगी।
अफसर और वित्तीय विशेषज्ञ बोले, हालत गंभीर
राज्य के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों और वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े कर्जभार के बावजूद नेता मुफ्त मे सुविधाएं देने के जो वादे कर रहे हैं, वे पूरा होना मुश्किल होगा। राज्य के कर्मचारियों पर ही 40 हजार करोड़ रुपये वेतन-भत्तों में खर्च हो जाता है।