राजस्थान विधानसभा चुनाव में गांवों की सरकार पर कांग्रेस की नजर
चुनाव में ग्रामीण मतदाताओं को अपने पक्ष में करने, कांग्रेस ने गांवों की सरकार सरपंच, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को अपने पक्ष में करने का दांव खेला है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। करीब तीन माह बाद होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में ग्रामीण मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस ने गांवों की सरकार माने जाने वाले सरपंच सहित पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को अपने पक्ष में करने का दांव खेला है।
कांग्रेस के दिग्गजों ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में शैक्षणिक योग्यता के प्रावधान को खत्म करने का वादा किया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने मंगलवार को जयपुर में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनते ही दो माह में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की मांगों को पूरा किया जाएगा।
सरपंच संघ द्वारा आयोजित सम्मेलन में पांडे और पायलट ने कहा, सरपंचों एवं पंचायती राज संस्थाओं के अन्य प्रतिनिधियों की मांगों को कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। कांग्रेस सत्ता में आने के बाद पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत और स्वतंत्र करेगी।
इस मौके पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीपी जोशी और डॉ.हरिसिंह सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।
पायलट बोले, भाजपा के 27 विधायक 10वीं फेल :
पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा के 27 विधायक 10वीं कक्षा फेल हैं, लेकिन सरपंचों के लिए 10वीं कक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया गया, यह लोकतंत्र के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक योग्यता जब लोकसभा और विधानसभा चुनाव में लागू नहीं है तो फिर सरपंच के चुनाव में क्यों लागू की गई है। कांग्रेस की सरकार बनते ही इसकी बाध्यता समाप्त की जाएगी।