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राजस्थान में भाजपा ने नहीं छोड़ी उम्मीद, परिणाम के बाद की रणनीति पर काम शुरू

राजस्थान में चुनाव के बाद एक्जिट पोल के नतीजे भले ही यहां से भाजपा की विदाई तय बता रहे हों, लेकिन पार्टी ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 10:53 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 10:48 AM (IST)
राजस्थान में भाजपा ने नहीं छोड़ी उम्मीद, परिणाम के बाद की रणनीति पर काम शुरू
राजस्थान में भाजपा ने नहीं छोड़ी उम्मीद, परिणाम के बाद की रणनीति पर काम शुरू

मनीष गोधा, जयपुर। राजस्थान में चुनाव के बाद एक्जिट पोल के नतीजे भले ही यहां से भाजपा की विदाई तय बता रहे हों, लेकिन पार्टी ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। भाजपा को पूरी उम्मीद है कि मतदान के बाद सामने आए मत प्रतिशत के आंकड़े पार्टी को बहुमत के आसपास पहुंचा रहे हैं। यही कारण है कि पार्टी के रणनीतिकारों ने अब प्लान-बी पर भी काम शुरू कर दिया है।

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राजस्थान में सत्तारूढ़ भाजपा इस बार सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही थी और इसका अंदाजा इस वर्ष की शुरुआत में अजमेर और अलवर लोकसभा सीट तथा मांडलगढ़ विधानसभा सीट के उपचुनाव में लग गया था, जब पार्टी न सिर्फ तीनों चुनाव हारी, बल्कि लोकसभा सीटों के तहत आने वाली 16 विधानसभा सीटों पर भी पीछे रही। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की हार तय मानी जा रही थी और यहां तक कहा जा रहा था कि इस बार बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़ सकता है।

टिकट वितरण में चार मंत्रियों सहित 56 विधायकों के टिकट काटे गए और जब कांग्रेस के टिकट वितरण में खामियां सामने आई तो स्थिति कुछ सुधरी। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पार्टी के स्टार प्रचारकों के आक्रामक प्रचार अभियान से लगा कि पार्टी एक बार फिर टक्कर में आ गई है। अब मतदान प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले नहीं बढ़ने को पार्टी के नेता अपने पक्ष में बता रहे हैं।

पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मतदान प्रतिशत में कुछ बढ़ोतरी होती तो माना जा सकता था कि हम पूरी तरह हार रहे हैं, लेकिन मतदान प्रतिशत बढ़ा नहीं है और हमारे पास हर सीट से जिस तरह की सूचनाएं आ रही हैं, उसे देखते हुए अभी भी हमें पूरी उम्मीद है कि हम सरकार बना लेंगे। बताया जा रहा है कि पार्टी को 90 से ज्यादा सीटों पर जीत की उम्मीद है। पार्टी अध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी मीडिया से बातचीत में दावा किया कि उनकी पार्टी फिर से सरकार बना रही है। उन्होंने कहा कि अभी 11 दिसंबर का इंतजार कीजिए।

रणनीतिकार हुए सक्रिय 
इस बीच पार्टी के रणनीतिकार सक्रिय हो गए हैं। शनिवार को दिनभर पार्टी मुख्यालय में हर सीट और बूथ पर हुए मतदान का विश्लेषण किया गया। जिलों से रिपोर्ट मंगाई गई और जीतने की संभावना वाले निर्दलीय प्रत्याशियों से भी संपर्क शुरू कर दिया गया।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ में नेताओं से चर्चा की और दोपहर बाद पार्टी मुख्यालय पहुंचीं। यहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी, चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व अध्यक्ष अशोक परनामी, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और अन्य नेताओं से चर्चा की गई और फीडबैक लिया गया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी परिणाम बाद की सभी संभावनाओं को देखते हुए काम कर रही है। केंद्रीय नेतृत्व भी संपर्क में है। निर्दलीयों को साधने केंद्रीय नेताओं के साथ ही पार्टी की कोर कमेटी के सदस्य और अन्य प्रभावी नेताओं को सक्रिय किया गया है।

बैठक के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बैठक में हमने अब तक सामने आए फीडबैक पर चर्चा की और जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार हम बहुमत हासिल करेंगे और सरकार बनाएंगे। हमने चुनाव प्रबंधन के दौरान सामने आई स्थितियों पर भी चर्चा की और यह भी देखा कि क्या कमियां रहीं, अगले चुनाव में उन्हें दूर किया जाएगा।


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