कांग्रेस के लिए घर छोड़कर साधु बनने को भी तैयार हूं: अशोक गहलोत
अशोक गहलोत ने कहा कि उनके लिए पद कोई मायने नहीं रखता है। पार्टी की सेवा करने के लिए घर-द्वार छोड़कर साधु बनने के लिए तैयार हूं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव सीएम फेस को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान चरम पर है। इसी बीच, दिवाली मनाने जोधपुर पहुंचे अशोक गहलोत ने कहा कि उनके लिए पद कोई मायने नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि पार्टी की सेवा करने के लिए घर-द्वार छोड़कर साधु बनने के लिए तैयार हूं।
पहले मीडियाकर्मियों और फिर कार्यकर्ताओं से बातचीत में गहलोत ने कहा कि पार्टी चाहे जहां मेरा उपयोग करें, छोटा-बड़ा कोई पद दे, बस पार्टी को फायदा होना चाहिए, मेरी ख्वाहिश यही है कि देश में कांग्रेस का झंडा बुलंद रहे। उन्होंने कहा कि अभी विधानसभा चुनाव है, फिर लोकसभा चुनाव आ जाएंगे। दोनों चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनाना ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए।
गहलोत ने कार्यकर्ताओं में जान फूंकते हुए कहा कि एक विधानसभा क्षेत्र में टिकट तो एक को ही मिलेगा, दो को नहीं मिल सकता, बाकी को निराश नहीं होकर पार्टी के लिए काम करना है, जिसे टिकट मिले, उसे जितना हमारा फर्ज होना चाहिए, तब जाकर कांग्रेस की सरकार बनेगी। उन्होंने मिजोरम कांग्रेस मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि भविष्य में कांग्रेस में मनोनयन की जगह जिलाध्यक्ष का चुनाव होगा। जिलाध्यक्ष को इतना मजबूत किया जाएगा कि टिकटों के फैसले में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका हो। चुनाव से पहले सभी जिलाध्यक्षों को दिल्ली बुला कर नाम मांगे जाएंगे।उनसे पूछा जाएगा कि आप इनका नाम क्यों दे रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष बोले, ये साधु बनने लायक नहीं
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने अशोक गहलोत के साधु बनने वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गहलोत तो साधु बनने के लिए भी फिट नहीं हैं। गहलोत साधुओं का अपमान कर रहे हैं। एक बयान में सैनी ने कहा कि गहलोत हर पद पर फेल हुए हैं।