अशोक गहलोत बोले-लोकतंत्र खतरे में, भाजपा सत्ता में आई तो फिर चुनाव नहीं होंगे
अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आई तो अधिकारियों की मिलीभगत से होने वाले भ्रष्टाचार की जांच होगी।
जागरण संवाददाता, जयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि देश का लोकतंत्र खतरे में है। लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस सहित सभी दलों को एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा के इरादे और दावे से साफ है कि यदि वह चुनाव जीत गई तो दोबारा चुनाव नहीं होंगे।
विपक्षी दलों को सावधान करते हुए उन्होंने कहा कि अगर तमाम दल एकसाथ नहीं आए और भाजपा चुनाव जीत गई तो संविधान में तोड़फोड़ होगी। चीन की तरह यहां भी मर्जी से चुनाव होंगे और जरूरी नहीं कि चुनाव कराए ही जाएं। उन्होंने कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह बात कहा जाना कि एक बार चुनाव जीत जाओ, उसके बाद 50 साल तक सत्ता में रहेंगे, साफ संदेश दे रहा है कि भाजपा जीती तो दोबारा चुनाव नहीं होंगे। सोमवार को जयपुर में एक प्रेसवार्ता में गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को घेरते हुए कहा कि इनका लोकतंत्र में विश्वास नहीं है ।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के महत्वपूर्ण विभाग भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। कांग्रेस सत्ता में आई तो अधिकारियों की मिलीभगत से होने वाले भ्रष्टाचार की जांच होगी। गहलोत ने कहा कि भामाशाह कार्ड योजना में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ है। राजस्थान की सरकार ने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को लाकर निशुल्क दवा योजना को कमजोर करने का ही काम किया है। गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री को गौरव यात्रा के बजाय माफी यात्रा निकालनी चाहिए। उन्होंने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की भी मांग की।
28 में 18 साल तो भाजपा का ही राज
गहलोत ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बार-बार कह रही हैं कि कांग्रेस ने जो 50 साल में नहीं किया वह पांच साल में उन्होंने कर दिखाया है। लेकिन, राजस्थान में पिछले 28 सालों में 18 साल तक भाजपा की सरकार रही है। कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल के समग्र विकास के बदले के मुकाबले वर्तमान पांच साल की सरकार पूरी तरह से नाकाम है।
अमित शाह और वसुंधरा राजे के अलग-अलग प्रदेश अध्यक्ष
अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इतने दबाव में हैं कि अपनी मर्जी का प्रदेश अध्यक्ष तक नहीं बना सके। वसुंधरा राजे की नाराजगी के बाद मदनलाल सैनी को अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन सीएम उन्हें अध्यक्ष मानती ही नहीं है। मुख्यमंत्री तो अब भी अशोक परनामी को ही अध्यक्ष मानती हैं। राजस्थान भाजपा में दो अध्यक्ष काम कर रहे हैं एक मदन लाल सैनी अमित शाह के अध्यक्ष हैं और दूसरे अशोक परनामी वसुंधरा राजे के अध्यक्ष हैं।