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Punjab Politics: राजस्थान के चुनावों में पंजाब के नेताओं की रहती है अहम भूमिका, 50 से 60 विधानसभा सीटों पर डालते हैं असर

राजस्थान के जाट बहुल जिलों में हनुमानगढ़ श्री गंगानगर बीकानेर चुरू झुंझनूं नागौर जयपुर चित्तौड़गढ़ अजमेर बाड़मेर टोंक सीकर जोधपुर भरतपुर आदि शामिल हैं। पंजाब कांग्रेस के नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी राजस्थान के कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया है। अब भाजपा की ओर से पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ को मैदान में उतारा जाएगा। राजस्थान के चुनावों में पंजाब के नेताओं की अहम भूमिका रहती है।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarPublished: Sat, 18 Nov 2023 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 18 Nov 2023 06:30 AM (IST)
राजस्थान के चुनावों में पंजाब के नेताओं की रहती है अहम भूमिका

गुरप्रेम लहरी, बठिंडा। राजस्थान के चुनावों में पंजाब के नेताओं की भूमिका अहम रहती है। राजस्थान में जातिगत आधारित वोट बैंक होने के कारण पार्टियां इसी आधार पर टिकट देती हैं। राजस्थान में जाट वोटर 50 से 60 विधानसभा सीटों पर असर डालते हैं। भाजपा व कांग्रेस पंजाब के जाट नेताओं को ही राजस्थान के चुनाव में प्रचार उतारती हैं।

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कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया

राजस्थान के जाट बहुल जिलों में हनुमानगढ़, श्री गंगानगर, बीकानेर, चुरू, झुंझनूं, नागौर, जयपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, बाड़मेर, टोंक, सीकर, जोधपुर, भरतपुर आदि शामिल हैं। पंजाब कांग्रेस के नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी राजस्थान के कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया है। अब भाजपा की ओर से पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ को मैदान में उतारा जाएगा। उनके पिता बलराम जाखड़ का राजस्थान में अच्छा दबदबा रहा है।

इसके चलते हर बार चुनाव के दौरान वे विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों चुनाव प्रचार करते रहे हैं।कांग्रेस ने 200 विधानसभा सीटों में से राजपूत समाज के 17, भाजपा ने 25 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, जाट समाज से कांग्रेस ने 36 और भाजपा ने 33 प्रत्याशियों को टिकट दिया है।ढ़े

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यहां पड़ेगा असर

इसी तरह ब्राह्मण समाज से कांग्रेस ने 16, भाजपा ने 20, बनिया समाज से कांग्रेस व भाजपा ने 11-11 प्रत्याशी उतारे हैं। इसी तरह कांग्रेस व भाजपा ने अनुसूचित वर्ग से 34-34, जबकि एसटी वर्ग से कांग्रेस ने 33 और भाजपा ने 30 प्रत्याशी उतारे हैं। मुस्लिम समाज से कांग्रेस ने 15, जबकि भाजपा ने एक भी उम्मीदवार को मौका नहीं दिया है। इसी तरह गुर्जर समाज से कांग्रेस ने 11, भाजपा ने 10, माली समाज से कांग्रेस ने चार, भाजपा ने तीन प्रत्याशियों को टिकट दिया है।


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