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Khadoor Sahib, Punjab Lok Sabha Election 2019: त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी सीट

लोकसभा सीट खडूर साहिब में त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां से शिअद ने बीबी जागीर कौर कांग्रेस ने जसबीर सिंह डिंपा व पीडीए ने परमजीत कौर खालड़ा पर दांव खेला है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 04:47 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 09:31 PM (IST)
Khadoor Sahib, Punjab Lok Sabha Election 2019: त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी सीट
Khadoor Sahib, Punjab Lok Sabha Election 2019: त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी सीट

जेएनएन, खडूर साहिब। पंजाब के माझा, मालवा व दोआबा तीनों क्षेत्रों पर आधारित लोकसभा सीट खडूर साहिब को पंथक सीट के नाम से जाना जाता है। माझा के जरनैल कहलाने वाले अकाली दल के रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा वर्ष 2014 में यहां से 1 लाख से अधिक वोटों से जीते थे। इस बार अकाली दल ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर को प्रत्याशी बनाया है।

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वहीं, कांग्रेस ने पूर्व विधायक जसबीर सिंह डिंपा पर दांव खेला है। 1999 में सर्व हिंद अकाली दल की ओर से तकदीर अजमा चुकी परमजीत कौर खालड़ा इस बार पंजाब डेमोक्रेटिक एलायंस (पीडीए) की प्रत्याशी हैं। कद्दावर नेताओं के मैदान में उतरने के कारण यहां मुकाबला रोचक बन गया है। त्रिकोणीय मुकाबले में तीनों प्रत्याशियों की नींद उड़ी हुई है।

बीबी जागीर कौर के पक्ष में पूर्व मंत्री प्रकाश सिंह बादल, शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने चुनाव प्रचार करके पार्टी की स्थिति मजबूत करने की कोशिश की। कांग्रेस के जसबीर सिंह डिंपा के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ही स्टार प्रचारक के तौर पर पहुंच पाए। वहीं, पीडीए की परमजीत कौर खालड़ा के लिए लोक इंसाफ पार्टी अध्यक्ष सिमरजीत सिंह बैैंस, पंजाबी एकता पार्टी अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैहरा व कलाकार गुरचेत चित्रकार ने प्रचार किया।

दलबदल से बढ़ी नाराजगी

विधानसभा क्षेत्र खडूर साहिब से लगातार दो बार जीतने वाले विधायक रमनजीत सिंह सिक्की की हलके से गैरमौजूदगी भी चर्चा का केंद्र बनी। आप के जिला अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बिट्टू को कांग्रेस में शामिल करने से विधायक सिक्की ने पार्टी हाईकमान से अपनी नाराजगी जाहिर की थी। वहीं, शिअद से निकाले गए इकबाल सिंह संधू को दोबारा पार्टी में वापस लिए जाने से अकाली दल का एक गुट नाराज रहा। जीरा के विधायक कुलबीर सिंह जीरा की ओर से नशे के मुद्दे पर अपनी सरकार के मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी को घेरने कारण इस क्षेत्र में कांग्रेस को असंजम की स्थिति से गुजरना पड़ा है।

बेअदबी मुद्दा बड़ा

जनता के मुद्दे खडूर साहिब के सियासी रण से पूरी तरह गायब रहे। यहां पर बेअदबी का मुद्दा भारी पड़ा है। कांग्रेसी प्रत्याशी जसबीर सिंह डिंपा ने बादल सरकार के समय हुई धार्मिक बेअदबी पर चर्चा करते वोटरों को शिअद से बचने की सलाह दी। वहीं, शिअद की बीबी जागीर कौर ने विस चुनाव के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से गुटका साहिब पकड़ कर ली गई शपथ को हवा दी गई। मुकाबला त्रिकोणीय बनाने वाली पीडीए प्रत्याशी परमजीत कौर खालड़ा ने 90 के दशक में पुलिस के हाथों मारे गए सिख युवकों का मामला लोकसभा में उठाने का भरोसा देकर वोट बटोरने का प्रयास किया है।

नजर नहीं आए ब्रह्मपुरा के जरनैल

चुनाव सरगर्मी शुरू होते ही अकाली दल (टकसाली) ने रिटायर्ड जनरल जेजे सिंह को मैदान में उतारा था। पार्टी अध्यक्ष व खडूर साहिब के सांसद रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने बीबी खालड़ा के पक्ष में जेजे सिंह का नाम वापस ले लिया था। इसके बाद जनरल सिंह ने दो दिन बीबी खालड़ा लिए वोट मांगे पर बाद में वह हलके में कही नजर नहीं आए।

सियासी समीकरण - सभी नौ विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा

खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र में कुल 9 विधानसभा हलके हैं। तरनतारन, खडूर साहिब, पट्टी, खेमकरण, जंडियाला गुरु, बाबा बकाला (दोनों रिजर्व) कपूरथला, सुतलानपुर लोधी और जीरा। इन सभी सीटों पर कांग्रेस के विधायकों का कब्जा है। सवा दो वर्ष पहले बनी कैप्टन सरकार के जनता किए वादों के कारण सभी विधायकों की साख दांव पर लगी है। लोकसभा चुनाव को विधायकों के रिपोर्ट कार्ड के तौर पर देखा जा रहा है।

दिलचस्प है इस सीट का इतिहास

आजादी के बाद हुए चुनावों में इस सीट से लगातार पांच बार कांग्रेस चुनाव जीतती रही। फिर, आपातकाल के बाद 1977 के चुनाव में शिअद के अध्यक्ष जत्थेदार मोहन सिंह तुड़ ने कांग्रेस के मौजूदा सांसद गुरदयाल सिंह ढिल्लों को ऐसी हार दी थी कि यह सीट पक्के तौर पर कांग्रेस के हाथ से निकल गई थी। 1992 में शिअद के बायकाट दौरान कांग्रेस के सुरिंदर सिंह कैरों ने बसपा के हरभजन सिंह उसाहन को हराकर जीत दर्ज की थी।

मान ने दर्ज की थी ऐतिहासिक जीत

2008 की हलकाबंदी से पहले इस सीट को तरनतारन के नाम से जाना जाता था। 1989 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर जेल में बंद पूर्व आइपीएस अधिकारी सिमरनजीत सिंह मान ने यहां से 5 लाख 27 हजार 707 वोट लेकर ऐतिहासक जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के अजीत सिंह मान की जमानत जब्त हो गई थी।

मतदाताओं की संख्या

कुल वोटर 16,42,396

महिला - 7,78,609

पुरुष - 8,63,716

थर्ड जेंडर - 71

जातिगत समीकरण

सिख वोटर - 74.10 फीसद

हिंदू वोटर - 23.10 फीसद

मुस्लिम वोटर - 1.5 फीसद  

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