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विधानसभा का पहला सत्र: बदला-सा दिखा नजारा, सीएम की ही कुर्सी पर बैठ गए सिद्धू

15वीं पंजाब विधानसभा सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर ने विधायकों को शपथ दिलाई। पहले दिन सदन का माहौल खुशनुमा रहा। इस बार 67 विधायक ऐसे हैं जोकि पहली बार विधायक चुने गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 08:55 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 05:20 PM (IST)
विधानसभा का पहला सत्र: बदला-सा दिखा नजारा, सीएम की ही कुर्सी पर बैठ गए सिद्धू
विधानसभा का पहला सत्र: बदला-सा दिखा नजारा, सीएम की ही कुर्सी पर बैठ गए सिद्धू

चंडीगढ़ [हरिश्चंद्र]। पंजाब की 15वीं विधानसभा के पहले सत्र के दिन सदन का नजारा काफी बदला-बदला सा नजर आया। विधायकों की शपथ के कारण अरसे बाद विधानसभा में विधायकों की इतनी मौजूदगी देखने को मिली। न केवल सभी गैलरी भरी हुई थीं, बल्कि पार्किंग तक में पहली बार इतनी तादाद में गाडिय़ां आती-जाती रहीं।

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कांग्रेस विधायक दस साल बाद सत्तारूढ़ दल के लिए तय सीटों पर आने के कारण गदगद थे। विधायकों की शपथ के दौरान उनकी हंसी-ठिठोली चलती रही। चार-पांच बार सत्तापक्ष की बेंचों से ठहाके भी गूंजे। यहां तक कि सदन के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह भी विधायकों की इस मस्ती में साथ देते रहे। दूसरी ओर आप और अकाली विधायक शांत दिखाई दिए। प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल शुक्रवार को सदन में शपथ लेने नहीं आए। ऐसा शायद पहली बार हुआ होगा कि प्रकाश सिंह बादल पहले दिन सदन में न आए हों।

अमरिंदर एक घंटा 20 मिनट सदन में रहे और इस दौरान उनके चेहरे पर चमक छाई रही। कांग्रेस के सभी विधायकों ने शपथ लेने से पहले अमरिंदर से आशीर्वाद लिया। किसी ने उनके पांव छूने की कोशिश की तो अमरिंदर ने बीच में ही हाथ थाम लिया, जबकि कुछ सीनियर विधायकों ने उनसे हाथ मिलाया।

बाजवा को गले लगाया

फतेह जंग बाजवा शपथ लेने के लिए जाते हुए और शपथ के बाद वापस आकर जब अमरिंदर से मिले, तो उन्होंने दोनों बार सीट से खड़े होकर फतेह को गले लगाया। उस समय स्पीकर गैलरी में पूर्व प्रदेश प्रधान प्रताप सिंह बाजवा की पूर्व विधायक पत्नी चरणजीत कौर बाजवा भी मौजूद थीं। अमरिंदर की ओर से इस तरह मिसेज बाजवा की मौजूदगी में फतेह बाजवा को गर्मजोशी से मिलना अपने-आप में कई संकेत दे रहा था।

मजीठिया ने भी लिया आशीर्वाद

खास बात यह रही कि अकाली दल के भी बिक्रम मजीठिया व एनके शर्मा समेत कई विधायकों ने अमरिंदर से आशीर्वाद लिया और फ्रंट लाइन में बैठे कांग्रेसी विधायकों से हाथ मिलाया। दूसरी ओर कांग्रेस विधायक भी शपथ लेने के बाद विपक्षी बेंचों की पहली कतार में बैठे आम आदमी पार्टी के विधायक दल के नेता एडवोकेट एचएस फूलका व अन्य आप-अकाली विधायकों से जाकर मिले। मगर ऐसा उत्साह आप विधायकों की ओर से नहीं नजर आया। आप विधायक शपथ लेने के बाद केवल फूलका व अपने ही पार्टी नेताओं से मिले। उनके इस नजरिए से साफ हो गया है कि अगले पांच साल सदन में उनकी ओर से सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाएगा।

सीएम की कुर्सी पर बैठ गए सिद्धू

विधायकों का सदन में पहला दिन था, इसलिए विधायक अपने लिए तय सीट की बजाय जहां जगह मिली वहीं बैठ गए। अमरिंदर जब चले गए तो मुख्यमंत्री के लिए तय सीट पर नवजोत सिद्धू और बलबीर सिद्धू बैठकर बतियाने लगे। जब तीन मिनट तक वह नहीं उठे, तो विधानसभा के एक कर्मचारी ने आकर उन्हें इस बारे बताया और यह दोनों नवजोत सिद्धू की सीट पर आकर बैठ गए। इसी तरह जूनियर हैनरी अवतार सिंह संघेड़ा एक बार अपनी सीट से आगे उतर कर अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग से मिलकर जब वापस अपनी सीट पर गए तो वडि़ंग ने उन्हें इशारे से सदन का कायदा समझाया कि इस तरह वापस जाना सही नहीं है, बल्कि ऊपर से घूम कर अपनी सीट पर जाना चाहिए।

पीली पगड़ी व पैंट-शर्ट में पहुंचे विधायक

सदन पहुंचे अधिकतर विधायक नेताओं की परंपरागत ड्रेस से इतर पैंट-शर्ट या सूट में नजर आए। कई युवा विधायक चुस्त पैंट-शर्ट में पहुंचे। आप की प्रो बलजिंदर कौर गहरे हरे रंग, जबकि कांग्रेस की सतकार कौर गहरे पीले रंग के सलवार सूट में सदन आई। आप के ज्यादातर विधायक पीली पगड़ी पहन कर आए थे। मुख्यमंत्री के करीब सभी सलाहकार भी सदन में मौजूद रहे। सीएम के सलाहकार भरत इंद्र सिंह चहल भी दस साल बाद अफसरों की गैलरी में बैठे नजर आए। वह मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल के साथ मीडिया गैलरी में भी आए।

कैप्टन समेत 114 विधायकों ने ली शपथ, नहीं पहुंचे

15वीं विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत 114 विधायकों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल सदन से गैर हाजिर रहे।

विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर प्रोटेम स्पीकर राणा कंवरपाल सिंह केपी ने सबसे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को शपथ दिलवाई। इसके बाद सभी मंत्री व उसके बाद सभी विधायकों को एक-एक कर शपथ दिलवाई गई। सभी को इंतजार था कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल भी सदन में शपथ लेने पहुंचेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब उन्हें अलग से शपथ दिलवाई जाएगी। स्पीकर उन्हें अपने कमरे में भी शपथ दिलवा सकते हैं। शपथ समारोह 2.15 घंटे तक चलता रहा।

मुख्यमंत्री पद की शपथ अंग्र्रेजी में लेने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा में विधायक पद की शपथ पंजाबी में ली। वहीं, मंत्री पद की शपथ हिंदी में लेने वाली अरुणा चौधरी ने विधायक पद की शपथ अंग्र्रेजी में ली। अरुणा चौधरी के अलावा खडूरसाहिब के विधायक रमनजीत सिंह सिक्की ने भी अंग्र्रेजी में शपथ ली, जबकि बाकी 112 विधायकों ने पंजाबी में शपथ ली।

शपथ ग्र्रहण के दौरान जहां कांग्र्रेसी विधायक आपस में मजाक करते रहे। वहीं, अकाली दल के विधायक व पूर्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया, शरनजीत सिंह ढिल्लों व परमिंदर सिंह ढींढसा काफी शांत रहे। वहीं, आम आदमी पार्टी खेमे में भी खासी शांति रही।

5 विधायक नहीं लाए थे जीत का सर्टिफिकेट

विधानसभा में पांच विधायक ऐसे थे, जो अपना जीत का सर्टिफिकेट लेकर नहीं पहुंचे थे। इनमें से तीन नए, जबकि दो विधायक ऐसे थे, जो दूसरी बार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। दूसरी बार चुनाव जीतने वालों में कांग्र्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग और पवन टीनू शामिल थे। पहली बार बने विधायकों में आप से जगरांव की विधायक सरबजीत कौर, गुरदासपुर से कांग्र्रेसी विधायक वरिंदरजीत सिंह पाहड़ा और बस्सी पठाना से गुरप्रीत जीपी शामिल थे। वहीं, घनौर के विधायक मदनलाल जलालपुर ने अपना जीत का सर्टिफिकेट फ्रेम में जड़वा रखा था। गौरतलब है कि चुनाव जीतने के बाद रिटर्निंग आफिसर जीत का सर्टिफिकेट देता है, जिसे विधायक पद की शपथ लेते समय विधानसभा में जमा करवाना पड़ता है।

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