पंजाब में 118 नेताओं के लोकसभा चुनाव लड़ने पर चुनाव आयोग ने लगाई रोक
चुनाव आयोग ने पंजाब के 118 नेताओं पर इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। आयोग ने सभी जिला चुनाव अफसरों को इन नेताओं की सूची भेज दी है।
जालंधर [मनीष शर्मा]। Loksabha Election 2019 में चुनाव आयोग ने पंजाब के 118 नेताओं के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये नेता पिछली बार चुनाव लड़े थे और चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया था। इन्होंने आयोग को पिइस बारे में कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया था। इसके बाद आयोग ने इन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया है। ये नेता अब तीन साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
चुनाव आयोग ने सभी जिला चुनाव अफसरों को यह सूची भेज दी है। आगामी 19 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने पर चुनाव अधिकारी आयोग इन नेताओं के नामांकन नहीं लेगा या फिर नामांकन पत्रों की जांच के समय नामांकन खारिज कर देगा।
जिन उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है, उनमें ज्यादातर आजाद लड़ने वाले हैं, जबकि कुछ छोटी पार्टियों के हैं। इलेक्शन तहसीलदार मनजीत सिंह ने सूची मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि इसे कार्रवाई के लिए चुनाव कार्य से जुड़े अफसरों को भेज दिया गया है।
सेक्शन 10ए के तहत लगाई रोक
चुनाव आयोग ने द रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट 1951 की धारा 10ए के तहत इन नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई है। इस धारा के मुताबिक चुनाव खर्च के बारे में जानकारी न देना अयोग्यता का आधार बनता है। अगर उम्मीदवार ने तय वक्त पर इस एक्ट के मुताबिक चुनाव खर्चे की जानकारी नहीं दी या फिर उसके बारे में मांगे गए स्पष्टीकरण का संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो ऐसे उम्मीदवार के आदेश के तीन साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी जाती है।
ऐसे नेता लुधियाना, संगरूर और जालंधर में सबसे ज्यादा
चुनाव आयोग द्वारा चुनाव अफसरों को भेजी गई नेताओं की इस सूची में पहले नंबर पर लुधियाना जिला है, जहां 26 नेताओं को अयोग्य करार दिया गया है। इसके बाद 17 नेताओं के साथ संगरूर दूसरे और 15 नेताओं के साथ जालंधर तीसरे स्थान पर है। वहीं 11 उम्मीदवारों के साथ अमृतसर चौथे स्थान पर है।
इनके अलावा पठानकोट से तीन, गुरदासपुर से चार, तरनतारन से नौ, कपूरथला से छह, मोहाली से पांच, मोगा से चार, फिरोजपुर के तीन, श्री मुक्तसर साहिब से एक, बठिंडा के तलवंडी साबो से एक, मानसा से तीन, बरनाला के धूरी से दो, पटियाला से पांच, फतेहगढ़ साहिब से दो, फरीदकोट से एक नेता शामिल है। इनमें 94 नेताओं की तीन साल की रोक 7 जून 2019 को खत्म हो रही है लेकिन चुनाव अप्रैल-मई में हो रहे हैं। वहीं, 24 नेताओं पर यह रोक आठ अक्टूबर 2021 तक जारी रहेगी।