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पुडुचेरी चुनाव के लिए कांग्रेस और द्रमुक में सीटों के बंटवारे पर चर्चा, मंगलवार को लग सकती है समझौते पर मुहर

उम्मीद है कि मंगलवार को दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन जाएगी। उल्लेखनीय है कि 2016 के चुनाव में कांग्रेस 21 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जिसमें से 15 सीटों पर उसे जीत हासिल हुई थी।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 07:57 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 07:57 PM (IST)
पुडुचेरी चुनाव के लिए कांग्रेस और द्रमुक में सीटों के बंटवारे पर चर्चा, मंगलवार को लग सकती है समझौते पर मुहर
कांग्रेस और द्रमुक ने पुडुचेरी में चुनाव के सिलसिले में सीटों के बंटवारे पर बात की

 पुडुचेरी, प्रेट्र। कांग्रेस और द्रमुक ने सोमवार को पुडुचेरी में छह अप्रैल को होने वाले चुनाव के सिलसिले में सीटों के बंटवारे पर बात की। उम्मीद है कि चुनाव के लिए दोनों दलों के बीच मंगलवार को औपचारिक समझौता हो जाएगा। रविवार को हुई पहले दौर की बातचीत के अगले दिन प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दोनों दलों के नेता बैठे और समझौता कर चुनाव लड़ने की रणनीति पर विचार किया। करीब 45 मिनट चली बातचीत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश की जिन सीटों पर द्रमुक चुनाव लड़ना चाहती है, उनके विषय में बैठक में चर्चा हुई। प्रदेश में कुल 30 सीटें हैं। 

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बैठक में हुई चर्चा का विवरण सार्वजनिक करने से इन्कार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सारी बातें कांग्रेस आलाकमान के सामने रखी जाएंगी और गठबंधन के लिए स्वीकृति मांगी जाएगी। बैठक में नारायणसामी के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवी सुब्रमण्यम भी मौजूद थे। जबकि द्रमुक की ओर से प्रदेश के लिए नियुक्त उसके पर्यवेक्षकों एसपी शिवकुमार और आर शिवा ने बैठक में हिस्सा लिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिनेश गुंडूराव की चेन्नई में द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन से हाल में हुई वार्ता में पुडुचेरी में गठबंधन की रूपरेखा तैयार हुई है। 

उम्मीद है कि मंगलवार को दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन जाएगी। उल्लेखनीय है कि 2016 के चुनाव में कांग्रेस 21 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें से 15 सीटों पर उसे जीत हासिल हुई थी। जबकि द्रमुक गठबंधन की नौ सीटों पर लड़ने के बावजूद दो सीटें ही जीत सका था। चुनाव में गठबंधन के मसले पर एआइएनआरसी के संस्थापक एन रंगासामी फिलहाल चुप हैं। एआइएनआरसी भाजपा के साथ गठबंधन कर सकती है या 2016 की तरह अकेले भी चुनाव लड़ सकती है। सूत्रों के अनुसार रंगासामी ने अभी चुनाव को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है।


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